नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने महिलाओं को बसों में मुफ्त सफर वाली योजना पर टिप्पणी की है। वित्त विभाग ने इस मामले की फाइल पर इस सेवा को केवल गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही महिलाओं के लिए ही लागू किये जाने की सलाह दी है। इससे सरकार पर इस सुविधा का अधिक आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। इससे पहले सीसीटीसी लगाए जाने की योजना को लेकर भी वित्त विभाग ने टिप्पणी की थी।
हालांकि उस याेजना से संबंधित फाइल पर वित्त विभाग ने कहा था कि जब पहले चरण के एक लाख 40 हजार सीसीटीवी लग जाएं उसके बाद ही दूसरे चरण की योजना को मंजूरी दी जाए। उस याेजना को दिल्ली कैबिनेट मंजूरी दे चुकी है और इस पर आगे की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। जानकारों का कहना है कि बसों की योजना पर टिप्पणी का सरकार की योजना पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि कैबिनेट सुप्रीम पावर है।
उसे नीतिगत मामलों में फैसला लेनेका पूरा अधिकार है। उधर दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना एवं प्रवीण शंकर कपूर ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार ही इस तरह की जानकारी लीक करा रही है। उनका कहना है कि केजरीवाल अपनी सरकार के वित्त विभाग से महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा वाली घोषणा से पलटने की जमीन तैयार करवा रहे हैं। उनके अनुसार केजरीवाल ने गत माह चुनावी प्रलोभन की तरह दिल्ली की सभी महिलाओं के लिए मुफ्त बस एवं मेट्रो यात्रा की घोषणा की थी। घोषणा से पहले संबंधित विभागों से चर्चा तक नहीं की।
खुराना व कपूर ने कहा है की वित्त विभाग की टिप्पणी बिल्कुल उसी तर्ज पर है जैसा पांच साल पहले बिजली हाफ पानी माफ पर केजरीवाल सरकार ने किया था। घोषणा करते हुए केजरीवाल ने सभी के लिए बिजली आधी दर पर और पानी पूरा मुफ्त करने की घोषणा की थी पर जब लागू करने की बात आई तो छूट को श्रेणियों तक सीमित कर दिया था।