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दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में प्रिंसिपल के पदों पर नियुक्ति का आदेश

दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए ऐसे सभी कॉलेजों में प्रिंसिपल के पदों पर नियुक्ति का आदेश दिया है जहां स्थाई प्रिंसिपल नहीं हैं। गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कम से कम 20 कॉलेज ऐसे हैं

दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए ऐसे सभी कॉलेजों में प्रिंसिपल के पदों पर नियुक्ति का आदेश दिया है जहां स्थाई प्रिंसिपल नहीं हैं। गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कम से कम 20 कॉलेज ऐसे हैं स्थाई प्रिंसिपल नहीं हैं। बिना स्थाई प्रिंसिपल के चल रहे इन संस्थानों में कई प्रसिद्ध एवं विख्यात कॉलेज भी शामिल हैं।
 नियुक्तियों के संदर्भ में भी दिशा निर्देश
दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट रजिस्ट्रार ( कॉलेजिज ) ने कॉलेजों के चेयरपर्सन गवनिर्ंग बॉडी को सकरुलर जारी करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय के क्लॉज -7 (2) और ऑडिनेन्स -18 के नियमों के अंतर्गत दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों एवं संस्थानों में जहां भी प्रिंसिपलों के पद खाली है, वहां यह नियुक्तियां की जाएं। यह आदेश उन कॉलेजों पर भी लागू होगा जहां एक्टिंग या ऑफिसिएटिंग प्रिंसिपल काम कर रहे है। उनकी नियुक्तियों के संदर्भ में भी दिशा निर्देश देते हुए कहा गया है कि इन पदों को तुरंत भरा जाना चाहिए ।
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी किए गए इस आदेश के उपरांत जिन कॉलेजों में एक्टिंग व ऑफिसिएटिंग प्रिंसिपल काम कर रहे है वहां गवनिर्ंग बॉडी की मीटिंग बुलवाकर प्रिंसिपल पदों का विज्ञापन निकालना होगा। हालांकि डीयू द्वारा यह सकरुलर जारी करने से कुछ कॉलेजों के प्रिंसिपलों चिंतित है क्योंकि वे लंबे समय से प्रिंसिपल हैं और नई नियुक्तियों के उपरांत उन्हें अपना पद छोड़ना होगा। संभावना जताई जा रही है कि मार्च के अंतिम सप्ताह से प्रिंसिपल पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो सकती है ।
प्रिंसिपल पदों के विज्ञापन
प्रिंसिपलों के पदों को भरे जाने संबंधी सकरुलर का शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने स्वागत किया है। वहीं दूसरी तरफ प्रिंसिपलों पदों पर आरक्षण न देने पर गहरी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि एससी एसटी के कल्याणार्थ संसदीय समिति ने इन पदों को भरने से पहले प्रिंसिपल पदों को क्लब करके रोस्टर रजिस्टर बनाना चाहिए, लेकिन अभी तक जितने भी प्रिंसिपल पदों के विज्ञापन निकाले गए है आरक्षण नहीं दिया गया है । उनका कहना है कि 20 से अधिक कॉलेजों में प्रिंसिपलों के पद खाली है जिसे लंबे समय से नहीं भरा गया है। उनका कहना है कि काफी समय से इन पदों को भरने की मांग की जा रही थीं ।
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी सकरुलर में कहा गया है कि विश्वविद्यालय कॉलेजों तथा संस्थानों से लगातार प्रिंसिपलों की स्थायी नियुक्तियों के संदर्भ में अनुरोध करता आ रहा है । जिसके संदर्भ में 23 अगस्त 2019 से ही पत्र व्यवहार जारी है और अंतिम रूप से 19 जनवरी ,2022 को कॉलेजों तथा संस्थानों को पत्र लिखा गया। साथ ही 13 अक्टूबर 2021 , 1 नवम्बर 2021 , 15 नवम्बर ,2021 आदि तारीखों को कई बार प्रिंसिपलों की स्थायी नियुक्तियों के संदर्भ में पत्र जारी किए गए है।
विश्वविद्यालय ने क्लॉज -7 (3 ) में इसे गम्भीर मामला 
विश्वविद्यालय ने सकरुलर में लिखा है कि देखने में आया है कि कुछ कॉलेजों में प्रिंसिपलों की स्थायी नियुक्ति हेतु कोई संज्ञान न लेकर , कार्यवाही न करते हुए साथ ही अवधि समाप्त होने के बावजूद बिना किसी पूर्व अनुमति के एक्टिंग व ऑफिसिएटिंग प्रिंसिपल पर काम करते जा रहे है ।
विश्वविद्यालय ने लिया संज्ञान कि कुछ कॉलेजों में एक्टिंग व ऑफिसिएटिंग प्रिंसिपलों की अवधि समाप्त होने के बावजूद बिना अनुमति के कार्य कर रहे थे। इस संदर्भ में विश्वविद्यालय ने क्लॉज -7 (3 ) में इसे गम्भीर मामला मानते हुए जो कि ऑडिनेन्स -18 के अंतर्गत दर्ज है , संज्ञान लिया है। इसीलिए विश्वविद्यालय ने कॉलेजों व अन्य संस्थानों से कहा है कि स्थायी प्रिंसिपलों की नियुक्ति सुनिश्चित करें और यह भी सुनिश्चित करें कि कोई भी प्रिंसिपल बिना विश्वविद्यालय की पूर्व अनुमति के एक्टिंग या ऑफिसिएटिंग प्रिंसिपल नहीं रह सकता।
विश्वविद्यालय के मुताबिक नियमों से अलग हटकर कार्य किए जाने की सूचना के अनुसार यदि कोई प्रिंसिपल एक्टिंग या ऑफिसिएटिंग बना हुआ रहता है तो उसके पद को अमान्य माना जाएगा। दिल्ली विश्वविद्यालय का कहना है कि अकादमिक हित को ध्यान में रखकर ही स्थायी प्रिंसिपलों की नियुक्ति करने के लिए विश्वविद्यालय ने सकरुलर जारी किया है।
जिन कॉलेजों में प्रिंसिपल पदों पर इंटरव्यू नहीं हुए उन विज्ञापनों की समय सीमा समाप्त 
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत 28 कॉलेज आते हैं। इन कॉलेजों में से अधिकांश में स्थायी प्रिंसिपल नहीं है। दिल्ली सरकार के जिन कॉलेजों में स्थाई प्रिंसिपल नहीं है उनमें श्री अरबिंदो कॉलेज, श्री अरबिंदो कॉलेज(सांध्य) मोतीलाल नेहरू कॉलेज, मोतीलाल नेहरू कॉलेज (सांध्य) सत्यवती कॉलेज, सत्यवती कॉलेज (सांध्य ) शहीद भगतसिंह कॉलेज ,शहीद भगतसिंह कॉलेज (सांध्य) श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, विवेकानंद कॉलेज, भारती कॉलेज, इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉलेज, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, राजधानी कॉलेज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, गार्गी कॉलेज, कमला नेहरू कॉलेज, शिवाजी कॉलेज आदि है ।
इनके अलावा भीमराव अम्बेडकर कॉलेज में प्रिंसिपल सेवानिवृत्त होने पर पद खाली है । जिन कॉलेजों में प्रिंसिपल पदों पर इंटरव्यू नहीं हुए उन विज्ञापनों की समय सीमा समाप्त हो गई । इन कॉलेजों को फिर से प्रिंसिपल पदों पर नियुक्तियां करने संबंधी विज्ञापन निकालने पड़ेंगे ।

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