नई दिल्ली : दिल्ली फार्मास्यूटिकल साइंसेस एंड रिसर्च युनिवर्सिटी (डीपीएसआरयू) में मंगलवार को ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बतौर उप मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शिरकत की। हजारों छात्रों को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा कि आप सब लोग विश्वविद्यालय में अपने-अपने सपने लेकर आए हैं।
इसी प्रकार मैं भी अपने सपने लेकर राजनीति में आया हूं, लेकिन हम सबके कुछ समान सपने हैं। आपके और मेरे जो साझा सपने हैं, उन साझा सपनों पर मैं आपसे चर्चा करने आया हूं। आज भारत में तमाम संसाधन एवं जानकारियां होने के बावजूद हम फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज में पीछे हैं। फार्मास्यूटिकल रिसर्च के आधार पर अगर बात की जाए तो हम दुनिया के सभी देशों में ऊपर से नहीं बल्कि नीचे की ओर से पांचवें स्थान पर आते हैं।
आज हमारे पास जितने संसाधन, जितनी जानकारियां और जितनी सुविधाएं उपलब्ध हैं, अगर हम चाहें तो भारत को दुनिया के प्रथम पांच देशों की सूची में ला सकते हैं। दिल्ली के शिक्षा मंत्री, एक राजनीतिज्ञ व इस देश का एक नागरिक होने के नाते मेरा सपना है कि हमारा देश फार्मास्यूटिकल रिसर्च के क्षेत्र में दुनिया के प्रथम 5 सर्वश्रेष्ठ देशों की श्रेणी में आए। मैं चाहता हूं कि इस सपने को पूरा करने के लिए एक टीम बनें।
जल्द यह विवि शुरू हो ताकि यहां पर रिसर्च हो सकें
सिसोदिया ने कहा कि इस विश्वविद्यालय को प्राथमिकता देने का यही सबसे बड़ा एक कारण था। मैं चाहता था कि जल्दी से यह विश्वविद्यालय शुरू हो, ताकि यहां पर रिसर्च के काम हो सकें और हमारा देश भी विकास की दिशा में चार कदम आगे बढ़ सके और आज हमारा देश चार कदम आगे बढ़ गया है।
वाइस चांसलर से लेकर हर छात्र दे योगदान
सिसोदिया ने कहा, मैं चाहता हूं कि इस सपने को साकार करने के लिए दिल्ली से एक टीम तैयार हो। परंतु यह केवल मेरे सोचने मात्र से संभव नहीं होगा। यह सपना तब साकार होगा जब वाइस चांसलर साहब से लेकर यहां बैठा हुआ एक-एक छात्र इस सपने को साकार करने के लिए योगदान दे।