श्रीनगर : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) उत्तराखंड के स्थायी कैंपस के निर्माण, अस्थायी रुप से सुरक्षित स्थान में ले जाने और अन्य सुविधाओं की मांग के लिए आंदोलनरत छात्र धीरे-धीरे हॉस्टल में लौटने लगे हैं। वर्तमान में लगभग हॉस्टल में रहने वाले लगभग 600 छात्र-छात्राओं में से 41 लौट आए हैं। हालांकि अभी तक कक्षाओं में किसी भी छात्र ने हाजिरी दर्ज नहीं कराई है।
एनआईटी में लगभग 980 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। विगत तीन अक्तूबर को बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर बेकाबू कार की टक्कर से एनआईटी की दो छात्राओं के घायल होने के बाद चार अक्तूबर से छात्र-छात्रों ने उक्त मांगों के लिए कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया। मांग पूरी न होने पर 23 अक्तूबर को अधिकांश छात्र-छात्राएं हॉस्टल छोड़कर घर चले गए।
उनका कहना था कि जब तक कैंपस सुविधाजनक स्थान में शिफ्ट नहीं होता, तब तक वह वापस नहीं लौटेंगे। अब तक 41 छात्र लौट चुके हैं। इधर, एनआईटी के सहायक कुलसचिव जगदीप सिंह ने बताया कि वर्तमान में हॉस्टल में 57 छात्र रह रहे हैं।