केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव प्रशांत गर्गवा ने बुधवार को कहा कि इस साल दिल्ली की जहरीली हवा में पराली की बड़ी भूमिका रही और इसका योगदान 44 प्रतिशत पर पहुंच गया।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली सफर के मुताबिक पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के कारण उठने वाले धुएं का योगदान इस साल एक नवंबर को दिल्ली में सर्वोच्च 44 प्रतिशत रहा।
गर्गवा ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘पराली जलाने से हुए प्रदूषण का भी बहुत योगदान रहा। दिल्ली में धुंध गहराने में इस साल इसका योगदान 44-45 प्रतिशत रहा। हवा भी धीमी है…कुछ भी बाहर नहीं जा रहा ।’’
उन्होंने हर साल अक्टूबर के पहले निर्माण अवशेष और मलबा हटाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाने का सुझाव दिया ।
उन्होंने कहा, ‘‘मलबा गिराने और जलाए जाने से बहुत समस्या होती है। हमें साथ मिलकर काम करना होगा और मलबा हटाना होगा ताकि यह समस्या ना बने। शहर में जमा निर्माण अपशिष्ट और मलबा हटाने के लिए जुलाई, अगस्त या सितंबर में विशेष सफाई अभियान चलाना होगा ।’’
सीपीसीबी सदस्य सचिव ने वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को घटाने के लिए सार्वजनिक परिवहन में जल्द और भारी निवेश की जरूरत पर भी जोर दिया।