Parliament security breach: इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों पर पुलिस को भरोसा, CDR और CCTV फुटेज की जांच जारी

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Parliament security breach: जैसे-जैसे संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में जांच आगे बढ़ रही है, अधिकारी अब बड़े पैमाने पर तकनीकी और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पर भरोसा कर रहे हैं। पुलिस विजय चौक, संसद और इंडिया गेट के आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज को खंगालते हुए सभी आरोपियों और संदिग्धों के कॉल डेटा रिकॉर्ड (CDR) को स्कैन कर रही है। सीसीटीवी फुटेज के जरिए पुलिस आरोपियों के बयानों में उभर रहे विरोधाभासों की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि घटना के दौरान मौके पर सिर्फ पांच आरोपी थे या उससे ज्यादा।

  • संसद मामले में अब अधिकारी बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पर भरोसा कर रहे हैं
  • पुलिस CCTV फुटेज को खंगालते हुए सभी आरोपियों और संदिग्धों के CDR को स्कैन कर रही है
  • CCTV फुटेज के जरिए पुलिस आरोपियों के बयानों में उभर रहे विरोधाभासों की जांच कर रही है

इसके अलावा पुलिस गुरुग्राम में रहने वाले विक्की उर्फ विशाल को भी सरकारी गवाह बनाने पर विचार कर रही है। विक्की वह शख्स है जिसके घर का इस्तेमाल पांचों आरोपियों ने घटना से दो दिन पहले रहने के लिए किया था। ऐसे में विक्की इस मामले में पुलिस के लिए अहम गवाह हो सकता है और कहा जा रहा है कि पुलिस हिरासत से रिहा होने के बाद विक्की ने खुद को काफी हद तक मीडिया और अन्य लोगों से दूर कर लिया है। इस बीच, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मामले में गिरफ्तार पांच लोगों के साथ संदिग्ध संबंध के आधार पर दो और लोगों को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए व्यक्तियों की पहचान महेश और कैलाश के रूप में की गई है, दोनों राजस्थान के निवासी हैं और उनका 'जस्टिस फॉर आज़ाद भगत सिंह' नामक सोशल मीडिया समूह से संबंध है।

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