ऋषिकेश : भारत वर्ष के इतिहास और राजनीति को गौरवान्वित करने वाले महापुरूष पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म दिवस पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने उन्हें नमन करते हुये रेलवे स्टेशन में सघन स्वच्छता अभियान चलाया। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद महाराज ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के गौरवपूर्ण इतिहास तथा एकात्म मानववाद और अंत्योदय के विषय में जानकारी देते हुये कहा कि वे एक कुशल संगठनकर्ता, चिन्तक, भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल व्यक्त करने वाले प्रगतिशील विधारधारा के वाहक थे। उनका एकात्मवाद मानव जीवन व सम्पूर्ण सृष्टि के सम्बन्ध का दर्शन है। एकात्मवाद एक ऐसी धारणा है जो सबसे छोटी ईकाइ को भी अंनत ब्रह्मण्ड में समाविष्ट करने की प्रेरणा प्रदान करती है।
प्रकृति को संरक्षित और सवंर्द्धित करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा हम अक्सर मानव अधिकारों की बात करते है परन्तु अब हमें पहले प्रकृति के अधिकारों की बात करनी होगी क्योंकि प्रकृति और पर्यावरण सुरक्षित होंगे तभी मानव सुरक्षित रह सकता है। अब हमें मानव के पहले प्रकृति के पुनरूत्थान के बारे में सोचना होगा। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण और स्वच्छता अभियान जैसे छोटे-छोटे दिखने वाले कार्यों के परिणामों पर ही भावी पीढ़ियों का भविष्य टीका हुआ है।
क्षेत्रवासियों ने किया स्वच्छता अभियान में सहयोग
हमें अपनी प्रवृति, प्रकृति और पसन्द को पर्यावरण के अनुरूप बनानी होगी। इस अवसर पर परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार, आचार्य, सुश्री गंगा नन्दिनी त्रिपाठी, लौरी, नरेन्द्र बिष्ट, आचार्य दीपक शर्मा, आचार्य संदीप शर्मा, एंव अन्य विदेशी सैलानी उपस्थित थे। प्राकृतिक और ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित रखें स्वामी चिदानंद ने कहा कि हमें लगता है कि हम पेड़ों को काट रहे है परन्तु वास्तविकता यह है कि पेड़ों के माध्यम से मनुष्य अपनी उत्पति, संतति और भविष्य को काट रहा है। अभी भी हमारे पास समय है हम जैविक नवीनीकरण पर जोर दे और हमारी प्राकृतिक और ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित रखे।