दिल्ली की पटिआला हाउस कोर्ट ने गुरुवार निर्भया मामले के चारों दोषियों की फांसी पर रोक वाली याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका के खारिज होते सभी आरोपियों की फांसी का रास्ता भी साफ हो गया है। इससे पहले गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट दोषी पवन गुप्ता और दोषी मुकेश सिंह की याचिकाओं को खारिज का चुका है।
पटिआला हाउस कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया के माता-पिता की ओर से पेश वकील सीमा कुशवाहा ने फांसी की उम्मीद जताते हुए कहा, मुझे यकीन है कि सभी चार दोषियों को कल सुबह 5.30 बजे फांसी दी जाएगी। दोषी मुकेश सिंह ने याचिका में घटना के वक्त दिल्ली में न होने का दावा किया था।
याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोषी मुकेश के लिए कानूनी राहत के सभी विकल्प खत्म हो गए हैं, इस स्थिति में नए सबूतों पर गौर नहीं किया जा सकता। वहीं पवन गुप्ता ने याचिका में पवन ने घटना के वक्त खुद के नाबालिग होने का दावा किया था। इस मामले में कोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया।
उन्हें फांसी मत दीजिए : एपी सिंह
पटिआला हाउस कोर्ट के फैसले के बाद दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा, उन्हें (दोषियों को) भारत-पाक सीमा पर भेजिए, उन्हें डोकलाम भेजिए, लेकिन उन्हें फांसी मत दीजिए। वे देश की सेवा के लिए तैयार हैं। मैं इस संबंध में एक हलफनामा दायर कर सकता हूं।
बता दें कि इस मामले के चारों आरोपियों को कल (शुक्रवार, 20 मार्च) फांसी होनी है। फांसी को लेकर तिहाड़ जेल में पूरी तैयारियां हो चुकीं हैं। तिहाड़ में फांसी देने का ट्रायल भी किया जा चुका है। ये चौथी बार है जब तिहाड़ में दोषियों को फांसी देने के लिए ‘डमी-ट्रायल’ किया गया। इसी क्रम में मंगलवार को यूपी के मेरठ से जल्लाद पवन भी तिहाड़ पहुंच गया है।
गौरतलब है कि दिल्ली में 23 साल की छात्रा के साथ 16 दिसंबर 2012 की रात को एक चलती बस में बर्बरता के साथ गैंगरेप किया गया था। इस घटना के करीब 15 दिन बाद पीड़िता की सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। इस घटना ने देश को हिला दिया था। पीड़िता को को निर्भया नाम से जाना गया।
इस मामले में छह लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें एक नाबालिग शामिल था। वहीं छठे व्यक्ति राम सिंह ने मामले में सुनवाई शुरू होने के कुछ समय बाद खुदकुशी कर ली थी। वहीं नाबालिग को 2015 में रिहा कर दिया गया था। उसने सुधार गृह में तीन साल का समय बिताया था।