नई दिल्ली : बाड़ा हिन्दूराव अस्पताल में शनिवार देर रात एक महिला मरीज की मौत के बाद मृतका के परिजनों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा। डॉक्टरों का आरोप है कि उन्होंने न सिर्फ अस्पताल में हंगामा करते हुए तोड़फोड़ की बल्कि डॉक्टरों के साथ मारपीट भी की। मृतक महिला राजबाला (45) के परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था।
वहीं बाड़ा हिन्दूराव थाना पुलिस ने डॉ. जगमोहन की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक मृतका महिला राजबाला अपने परिवार के साथ जाटव मोहल्ला चंद्रावल रूप मगर में रहती थीं। उनकी किडनी खराब थी। शनिवार-रविवार रात करीब 1.40 बजे परिजनों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था। उनकी हालत नाजुक थी। जिसकी वजह से डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा था। डॉ. जगमोहन ड्यूटी पर थे। वह राजबाला को देखने लगे। परिजनों का आरोप है कि राजबाला का बीपी डिजिटल मशीन से चेक नहीं हो पा रहा था।
जिसके चलते दूसरी मशीन से उनका बीपी देखा गया। मशीन खराब होने की बात पर परिजन डॉ. जगमोहन से बहस करने लगे। परिजनों के हंगामे के बाद देर रात ही राजबाला की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस बात से गुस्साए राजबाला के पति जयपाल और बेटे ने डॉक्टर का कॉलर पकड़ लिया। उनके साथ मारपीट की, थप्पड़ मारते हुए हंगामा किया। परिवार के अन्य सदस्यों ने भी अस्पताल में खूब बवाल काटा और तोड़फोड़ की। शोर शराबा होते ही अन्य डॉक्टर व गार्ड मौके पर पहुंच गए। आरोप है कि इस दौरान डॉ. राजेश और डॉ. प्रणय को भी मामूली चोटें आईं।
जगमोहन ने नर्स रूम में घुसकर खुद को बचाया
आरोप है कि पिता-पुत्र ने जगमोहन को बुरी तरह से मारा था। किसी तरह जगमोहन उनके चुंगल से बचकर और भागकर नर्स रूम में चला गया। जहां अंदर से कुंडी लगाकर खुद को बचाया। जिसके बाद उन्होंने पुलिस को घटना की जानकारी दी। इस वारदात के बाद से जगमोहन इतने डर गए थे कि वह घटना के बाद बाहन ही नहीं निकले। जब पुलिस मौके पर पहुंच गई। तब पुलिस ने ही उन्हें बाहर निकाला। फिलहाल पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सीएम हाउस पर करेंगे प्रदर्शन
अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे कैट्स एम्बुलेंस सर्विस की हड़ताल रविवार को भी जारी रही। कैट्स कर्मचारियों ने कहा कि सोमवार को कैट्स स्टाफ मुख्यमंत्री आवास पर एकत्र होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ठेका प्रथा खत्म करने की बात कहती और हेल्थ और एजुकेशन में अपने काम गिनवाती है, लेकिन दिल्ली सरकार ही ठेका प्रथा को बढ़ावा दे रही है। ये हाल तो तब है जब कैट्स में तीन साल में ठेकेदारी प्रथा के बुरे परिणाम कैट्स सेवा झेल चुकी है। लेकिन सरकार को इससे कोई मतलब नहीं है।
एक डॉक्टर के सिर पर आई गंभीर चोट… उत्तरी दिल्ली नगर निगम के बाड़ा हिंदूराव अस्पताल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट के विरोध में डॉक्टर सोमवार को हड़ताल पर जा सकते हैं। आपातकालीन विभाग में तैनात दो डॉक्टरों के साथ हुई मार-पिटाई में एक डॉक्टर के सिर में गंभीर चोटें आई हैं। जबकि दूसरे डॉक्टर के कपड़े फाड़ दिए गए थे, उनके शरीर पर कई जगह चोटें हैं।
अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के डॉ. मनीष जैन ने बताया कि रविवार को उनके अस्पताल में हड़ताल नहीं हुई है, लेकिन सोमवार सुबह वे प्रबंधन के साथ बैठक के बाद हड़ताल पर फैसला लेंगे। उन्होंने अस्पताल में बाउंसरों की तैनाती, सुरक्षा के इंतजाम, घटना की रात ड्यूटी पर मौजूद नोडल ऑफिसर को बर्खास्त करने इत्यादि मांगों पर अगर प्रबंधन ने संज्ञान नहीं लिया तो रेजीडेंट डॉक्टर सोमवार से हड़ताल पर होंगे।
नहीं मिलती है मदद… रेजीडेंट डॉक्टरों का आरोप है कि रात के समय अस्पताल में चिकित्सीय व्यवस्थाओं के लिए एक वरिष्ठ डॉक्टर या नोडल अधिकारी की तैनाती होती है, लेकिन अक्सर ये लोग अपने घर जाकर सो जाते हैं और फोन भी बंद कर लेते हैं। जबकि अस्पताल में रात भर रेजीडेंट डॉक्टरों को मरीजों की देखभाल करनी पड़ती है। अब डॉक्टरों की मांग है कि अस्पताल प्रबंधन शनिवार रात को ड्यूटी पर मौजूद नोडल ऑफिसर को तत्काल बर्खास्त किया जाए।