नई दिल्ली : दिल्ली के कामकाजी लोगों को स्वरोजगार शुरू कराने के दिशा में दिल्ली सरकार ने बड़ी राहत दी है। दिल्ली एससी, एसटी, ओबीसी, माइनॉरिटी एंड हैंडीकैप्ड फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएसएफडीसी) ने 3 लाख तक के लोन को पास करने की समय सीमा को 45 दिनों के बजाए 15 दिन करने का फैसला लिया गया। साथ ही अब जमानती को 2 लाख रुपए तक के लोन के लिए 5 अग्रिम चेक देने के बजाए मात्र एक शपथ पत्र देना होगा। एससी/एसटी विभाग के मंत्री और डीएसएफडीसी के चेयरमैन राजेन्द्र पाल गौतम ने शुक्रवार को डीएसएफडीसी की 159 वीं बोर्ड बैठक के दौरान इसकी घोषणा की।
बोड बैठक के बाद राजेन्द्र पाल गौतम ने बताया कि 50,000 रुपए तक की समग्र ऋण योजना में अब अभिभावक या पति/पत्नी के नाम का बिजली बिल मान्य होगा जबकि पहले आवेदक के ही नाम का बिल देना अनिवार्य होता था। इतना ही नहीं मंत्री ने कहा कि सड़क पर फल और सब्जी बेचने वाले को 40, 000 रुपए तक के ऋण के लिए एक दिन में लोन को मंजूरी देने और लोन देने के लिए ठोस प्रयास किए जाएंगे ताकि लाभार्थी बड़ी संख्या में ऋण योजना का लाभ उठा सकें। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप भागीदारी के तहत डीएसएफडीसी के तीन वर्क शेड कॉम्प्लेक्स रघुबीर नगर, मंगोलपुरी और सुल्तानपुरी में स्थित हैं जिनमें से सुल्तानपुरी और मंगोलपुरी व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स का नवीनीकरण किया जाएगा और जनता के हित के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा।
वहीं दक्षिण जिले में डीएसएफडीसी की एक नई शाखा खोली जाएगी। गौतम ने कहा कि अक्सर यह देखा गया है कि बड़ी संख्या में ऋण योजनाओं के बारे में जनता जागरुक नहीं होती है। इसीलिए अधिकतम लोगों तक पहुंचने के लिए बोर्ड द्वारा फैसला लिया गया कि अनुसूचित जाति/जनजाति वेलफेयर बोर्ड के सदस्य योजनाओं के प्रचार-प्रसार में अपनी भूमिका निभाएंगे।