नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से संबद्ध रामजस, जाकिर हुसैन कॉलेज के बाद अब जीसस एंड मैरी कॉलेज (जेएमसी) की छात्राएं भी नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। गुरुवार सुबह यंग इंडिया नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी के बैनर तले यहां की छात्राओं ने सीएए के साथ-साथ जामिया मिलिया इस्लामिया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में दिल्ली पुलिस द्वारा की गई बर्बरता के खिलाफ अपना विरोध प्रकट किया।
वहीं नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) के खिलाफ सुबह करीब दस बजे कॉलेज गेट के बाहर छात्राओं ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया। इस बारे में प्रदर्शन कर रही डीयू की छात्रा दामनी केन ने बताया कि जेएमसी में बीते एक सप्ताह से सीएए के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध किया जा रहा है। लेकिन गुरुवार को हमने गेट के बाहर हाथों में तख्तियां लिए सीएए के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।
बाद में करीब 12.30 से 2 बजे तक आम सभा का आयोजन किया गया। जिसमें मैत्री कॉलेज की छात्राएं भी शामिल रहीं। वहीं आम सभा को संबोधित करने डीयू के शिक्षक लक्ष्मण कुमार, जितेंद्र और जामिया की छात्रा सुमेधा पहुंची। प्रो. लक्ष्मण ने बताया कि सीएए के खिलाफ लगातार महिलाएं प्रदर्शन को लीड कर रहीं हैं।
ऐसे में जेएमसी की छात्रों का आगे आना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मनु स्मृति और संविधान की इस लड़ाई में संविधान को बचाना जरूरी है। वहीं सुमेधा ने 15 जनवरी 2019 को जामिया कैंपस में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की आपबीती सुनाई। कार्यक्रम के दौरान संविधान को पढ़ा गया।
जाकिर हुसैन कॉलेज में छुट्टी, छात्र डटे…
उधर जाकिर हुसैन कॉलेज (सांध्य) के विद्यार्थी बीते सात जनवरी से सीएए, एनआरसी, एनपीआर और एनईपी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को भी जब छात्र 3 बजे कॉलेज के तय समय पर पहुंचे तब गेट पर सूचना चस्पाया था कि डूटा हड़ताल के कारण कॉलेज बंद करने का आदेश प्रिंसिपल ने दिया है। इसके बाद छात्र प्रिंसिपल से बात करने की मांग करने लगे। छात्रों का कहना है कि जब 4 दिसंबर से डूटा हड़ताल पर हैं।