दिल्ली उच्च न्यायालय में पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल को अवैध तरीके से हिरासत में लिए जाने का आरोप लगाते हुए सोमवार को एक याचिका दायर की गई। याचिका में कहा गया है कि फैसल को 14 अगस्त को आईजीआई हवाईअड्डे से अवैध तरीके से हिरासत में लिया गया और उन्हें फिर श्रीनगर ले जाया गया जहां उन्हें नजरबंद करके रखा गया।
यह मामला सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ के समक्ष आया जिसने इस मामले में नोटिस जारी नहीं किया क्योंकि केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर जवाब दायर करेंगे। यह याचिका फैसल की तरफ से ‘पैरोकार’ मोहम्मद हुसैन कादर ने दायर की है।
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को किसी न्यायाधीश या अदालत के समक्ष पेश करना जरूरी होता है।
कादर की ओर से याचिका के साथ दायर हलफनामे के मुताबिक फैसल की पत्नी ने मुद्दे की जानकारी उन्हें दी जिसके बाद उन्होंने यह याचिका दायर की।
अदालत ने मामले में अगली सुनवाई 23 अगस्त को तय की है। याचिका के मुताबिक फैसल उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी जा रहे थे जब उन्हें लोक सुरक्षा कानून के तहत दिल्ली हवाईअड्डे पर अवैध तरीके से हिरासत में ले लिया गया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि जिस तरीके से उन्हें बिना ट्रांजिट रिमांड के कश्मीर लाया गया वह “अपहरण” की श्रेणी में आता है।