नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद अंतरिक्ष भवन की सुरक्षा की चिंता ओर बढ़ गई है दिल्ली हाई कोर्ट ने अंतरिक्ष भवन में इस माह 2 बार आग लग जाने की घटना के बाद इमारत से मोबाइल टावर हटाने की मांग वाली याचिका पर नगर निगम, अग्निशमन विभाग तथा अंतरिक्ष भवन फ्लैट मालिकों के संगठन तथा निवासियों से इस पर जवाब मांगा है।
यह इमारत उपहार सिनेमा के मालिक अंसल गुप्ता ने इस छत पर परिक्रमा रेस्त्रां है, जिसमें 3 मई और 10 मई को आग लग गई थी। याचिकाकर्ता रोहित जैन ने अपनी याचिका में दावा किया है कि कस्तूरबा गांधी मार्ग में स्थित अंतरिक्ष भवन के टैरेस पर मोबाइल टावर, उसका जनरेटर तथा भारी उपकरण रखे हुए हैं।
अपनी याचिका में उन्होंने बताया कि इमारत के प्लान को जो मंजूरी दी गई थी उसमें खुले टैरेस क्षेत्र को रिफ्यूज क्षेत्र (वह क्षेत्र जहां आग लगने की स्थिति में शरण ली जा सके) के तौर पर निर्धारित किया गया है। रोहित जैन ने बताया कि उसने दिल्ली नगर निगम और अग्नि विभाग से सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी थी कि इमारत के प्लान में कोई रिफ्यूज क्षेत्र निर्धारित किया गया है और क्या मोबाइल टावर लगाने से पूर्व कोई अनुमति ली गई थी।
इस पर NDMC ने अपने जवाब में बताया कि इमारत के प्लान में कोई रिफ्यूज क्षेत्र निर्धारित नहीं किया गया है और आइडिया सेल्यूलर को मोबाइल टावर लगाने की अनुमति दी गई है। वहीं NDMC के ठीक विपरीत फायर डिपार्टमेंट ने कहा कि इमारत के प्लान में रिफ्यूज क्षेत्र निर्धारित किया गया है और मोबाइल टावर लगाने के लिए उससे कोई अनुमित नहीं ली गई।
फायर डिपार्टमेंट ने यह भी बताया कि रिफ्यूज क्षेत्र में मोबाइल टावर अथवा कोई भारी उपकरण नहीं लगाया जा सकता। याचिका में कहा गया, ”फायर डिपार्टमेंट के उपरोक्त जवाब से यह स्पष्ट है कि वर्तमान में अंतरिक्ष भवन में सुरक्षा के खतरे हैं। इमारत के रिफ्यूज क्षेत्र में मोबाइल टावर, जनरेटर तथा अन्य उपकरणों का गैरकानूनी कब्जा है जिसके कारण यहां आपातकाल की स्थिति के लिए कोई खुला स्थान नहीं है। याचिका में NDMC द्वारा दूरसंचार कंपनियों को रिफ्यूज क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाने की मंजूरी को खारिज करने की मांग की है।