दिल्ली हाई कोर्ट में मंगलवार को एक आवेदन दायर कर निर्वाचन आयोग को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान कथित तौर पर कोविड-19 नियमों के उल्लंघन को लेकर “स्टार प्रचारकों” और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं पर जुर्माना लगाने और प्राथमिकी दर्ज करने जैसी कार्रवाई करे।
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक और थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर अकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टमेटिक चेंज’ (सीएएससी) के अध्यक्ष विक्रम सिंह ने इस आवेदन में केंद्र और निर्वाचन आयोग को उन सभी लोगों के लिये “घर पर उन लोगों का अनिवार्य पृथकवास सुनिश्चित कराने का निर्देश देने की मांग की है जिन्होंने पिछले एक हफ्ते में पश्चिम बंगाल में प्रचार किया हो।”
सिंह की तरफ से अधिवक्ता विराग गुप्ता ने पक्ष रखा। सिंह ने इस आवेदन में दावा किया है कि राजनीतिक दलों, उनके नेताओं और प्रचारकों द्वारा महामारी के दौरान रैलियों, जनसभाओं और रोडशो में मास्क पहनने के नियम का उल्लंघन किया। अधिवक्ता गौरव पाठक के जरिये दायर आवेदन में कहा गया है कि इस “निर्बाध और अनियंत्रित प्रचार अभियान” के कारण राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि हुई जहां संक्रमण दर पांच प्रतिशत से बढ़कर 24 प्रतिशत हो गई।
सिंह ने इस महीने के शुरू में दायर इस आवेदन में यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चल रहे चुनावों के दौरान प्रचार में शामिल सभी लोग अनिवार्य रूप से मास्क पहनें। अदालत ने 8 अप्रैल को याचिकाकर्ता के आवेदन पर केंद्र और निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किये थे।