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महिलाओं के फ्री सफर के लिए पिंक कार्ड का प्रस्ताव

दिल्ली मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त सफर के लिए पिंक टोकन की जगह पिंक कार्ड देने पर विचार किया जा रहा है। मेट्रो प्रशासन का मानना है कि मुफ्त सफर के बाद यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा होगा।

नई दिल्ली : दिल्ली मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त सफर के लिए पिंक टोकन की जगह पिंक कार्ड देने पर विचार किया जा रहा है। मेट्रो प्रशासन का मानना है कि मुफ्त सफर के बाद यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा होगा। इसमें महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा रहेगी। ऐसे में उन्हें टोकन देने के लिए अतिरिक्त काउंटर बनाने पड़ सकते हैं। 
जबकि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन कास्ट कटिंग के लिए टोकन काउंटर की संख्या कम कर ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन (एटीवीएम) को बढ़ावा दे रही है। एटीवीएम के माध्यम से यह पहचान नहीं की जा सकती कि उक्त महिला दिल्ली की है या नहीं, जबकि योजना केवल दिल्ली के नागरिकों के लिए प्रस्तावित है। मेट्रो के एक अधिकारी ने बताया कि योजना के तहत मुफ्त सफर का लाभ केवल दिल्ली की महिलाओं को देना है। 
ऐसे में हमें पहले पहचान करनी होगी कि जिन्हें यह सुविधा दी जा रही है वह दिल्ली के निवासी हैं या नहीं। टोकन देते समय काउंटर पर यह संभव नहीं, उस दौरान भारी भीड़ रहने की संभावना है। वर्तमान में 80 से 90 फीसदी यात्री कार्ड से ही सफर करते हैं। मेट्रो भी यात्रियों को कार्ड से सफर करने के लिए प्रेरित करता है। 
उन्होंने बताया कि मेट्रो को 15 जून तक अपना सुझाव देना है। इस दौरान विचार किया जा रहा है कि महिलाओं को मुफ्त सफर का तोहफा कैसे दिया जा सकता है। हालांकि अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है, सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
घर से निकलेंगी महिलाएं… अक्सर यात्रा के दौरान ज्यादा किराए के कारण महिलाएं घर से निकला पंसद नहीं करतीं। यदि महिलाओं के लिए मेट्रो व बस में सफर मुफ्त होता है तो महिलाएं काम करने के लिए घर से निकलेगी। एक महिला ने बताया कि काम पर आने जाने में ही तीन हजार रुपए खर्च हो जाते हैं जबकि उन्हें मासिक वेतन ही 9 हजार दिया जा रहा था। यदि सफर मुफ्त होता है तो काम करने के बाद भी सीधे तीन हजार रुपए हाथ में बच जाएंगे।  
दिव्यांग बोले, हमारे लिए भी फ्री करें मेट्रो-डीटीसी
महिलाओं के लिए मेट्रो व डीटीसी बसों में फ्री यात्रा को लेकर दिव्यांगों ने विरोध जताया है। लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन के नीचे सोमवार को कुछ बुजुर्ग व दिव्यांगों ने दिल्ली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके 50 दिव्यांगों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और इस मसले पर अपनी राय रखी। दिव्यांगों ने कहा कि फ्री यात्रा की सबसे ज्यादा जरूरत उन लोगों को है जो शारीरिक रूप से असमर्थ हैं। 
कुछ ऐसे लोग हैं जो बस पास बनवाने के लिए पास केंद्रों तक नहीं जा पाते हैं। लेकिन दिल्ली सरकार ने सिर्फ महिलाओं को फ्री यात्रा की सौगात दी है। उन्हें दिव्यांगों का थोड़ा सा भी ख्याल नहीं आया। इस दौरान अनीता ने कहा कि दिल्ली में कई महिलाओं ने इस सौगात का विरोध किया है और कहा है कि इस फ्री यात्रा की सबसे ज्यादा जरूरत दिव्यांगों को है। ऐसे में हम दिल्ली सरकार से मांग करते हैं कि वह हमारे लिए भी मेट्रो व डीटीसी में फ्री यात्रा की घोषणा करें। 
‘आप’ महिला विंग ने चलाया जनसंपर्क अभियान
आम आदमी पार्टी की महिला विंग ने सोमवार को बसों एवं मेट्रो में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा योजना को लेकर दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में मेट्रो व बसों में जाकर जनसंपर्क अभियान चलाया। इस दौरान छोटी-छोटी नुक्कड़ सभाओं का भी आयोजन किया। 
महिला विंग ने प्रदेश अध्यक्ष रिचा पांडे मिश्रा की अध्यक्षता में इस कार्यक्रम का आयोजन किया। छोटी-छोटी टीमें बनाकर महिलाओं ने अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी ली। अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर स्थानीय लोगों के साथ छोटी-छोटी नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से मुफ्त यात्रा योजना पर उनके विचार जाने। इस पर लोगों के सुझाव भी लिए गए। 
करीब  95 फीसदी महिलाएं चाहती हैं कि दिल्ली की बसों एवं मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त यात्रा योजना को जल्द से जल्द लागू किया जाए। 5 फीसदी के आसपास महिलाओं ने कहा कि वो इस योजना का स्वागत करती हैं लेकिन वो जरूरतमंदों के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली फ्री सब्सिडी नहीं लेंगी। 

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