नई दिल्ली : एनसीईआरटी की पायरेटेड किताबें बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बदमाश को गिरफ्तार किया है, जो एनसीईआरटी की पायरेटेड किताबें छापने और उनको बेचने के धंधे में शामिल था। पुलिस ने आरोपी के पास अलग-अलग विषयों की हजारों किताबें बरामद की हैं तो वहीं प्रिंटिंग का सामान भी मिला है। आरोपी की पहचान शकरपुर निवासी अभिषेक चौधरी उर्फ गोल्डी (28) के रूप में की गई है, जिसने गाजीपुर में प्रिंटिंग यूनिट तैयार किया हुआ था। अतिरिक्त आयुक्त, अपराध शाखा राजीव रंजन ने बताया कि पुलिस ने कॉपीराइट सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है।
एनसीईआरटी की किताबों की अच्छी गुणवत्ता के कारण उनकी मांग अधिक होती है, जिसके कारण केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की तरफ से भी सीबीएसई के स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें चलाने के लिए कहा था। इससे पहले स्कूल प्रबंधन अपने फायदे के अनुसार अलग-अलग प्रकाशनों की किताबें चलवाते थे। एनसीईआरटी की किताबों की मांग बढ़ने के कारण गिरोह ने उन किताबों की पायरेटेड कॉपी प्रिंट करनी शुरू कर दी।
पुलिस को सूचना मिली थी कि यमुना पार के इलाके में किताबें पायरेटेड की जा रही हैं, जिसमें कक्षा छह से लेकर बारह तक की किताबें शामिल हैं। इसके बाद पुलिस उपायुक्त राजेश देव की देखरेख में एसीपी जसबीर सिंह, इंस्पेक्टर विवेकानंद झा, एसआई लोकेंद्र, राकेश, एएसआई नरेंद्र, जगदीश, सिपाही योगेश की टीम का गठन कर छापेमारी करके आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। एनसीईआरटी निदेशक से भी मदद मांगी गई और एनसीईआरटी की टीम भी पुलिस के साथ थी। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने बीकॉम किया था और अपने पिता की प्रेस में मदद कर रहा था।
वर्ष 2017 में वह राहुल नाम के शख्स के संपर्क में आया और दोनों ने एनसीईआरटी की किताबें छापनी शुरू की। इतना ज्यादा मुनाफा होने के बाद अभिषेक ने गाजीपुर में एक ऑफसेट प्रेस खोली, जहां सिर्फ पायरेटेड किताबें छापी जाती थी। आरोपी चावड़ी बाजार से एनसीईआरटी के वाटर मार्क वाला पेपर लेकर आता था और छापने के बाद उत्तर व दक्षिण भारत के हिस्से में किताब पहुंचा दी जाती थी।