प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस स्मरणोत्सव दिवस के मौके पर देश भर के शहीद पुलिसकर्मियों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने ‘पुलिस स्मृति दिवस’ पर शहीद पुलिसकर्मियों की शहादत को स्मरण करते हुए ट्वीट किया,‘‘पुलिस स्मृति दिवस देशभर के हमारे पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के प्रति आभार व्यक्त करने का दिवस है। हम इस दिन अपने कर्तव्य के लिए शहीद हुए सभी पुलिसकर्मियों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं। उनका बलिदान और सेवा सदैव स्मरणीय रहेगी।’’ मोदी ने आगे लिखा,‘‘कानून और व्यवस्था को बनाये रखने से लेकर पुलिसकर्मी भयावह अपराध को हल करने, आपदा प्रबंधन से कोविड-19 की चुनौती से निपटने में बेहिचक होकर अपना बेहतर योगदान करते हैं। हमें उनकी लगन और नागरिकों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहने पर गर्व है।’’
From preserving law and order to solving horrendous crimes, from assistance in disaster management to fighting COVID-19, our police personnel always give their best without hesitation. We are proud of their diligence and readiness to assist citizens. pic.twitter.com/fI2ptv3A1J
— Narendra Modi (@narendramodi) October 21, 2020
शाह ने पुलिस स्मरणोत्सव दिवस के मौके पर आज यहां चाणक्यपुरी स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर देश भर के शहीद पुलिसकर्मियों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की।इस दौरान अमित शाह ने देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा में लगे पुलिसबलों की सराहना करते हुए उन्हें आश्वस्त किया वे देश की आंतरिक सुरक्षा को संभाले और मोदी सरकार उनके परिजनों को संभालेगी।
पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि वे आश्वस्त होकर पूरी तत्परता के साथ देश की आंतरिक सुरक्षा तथा कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालें और मोदी सरकार उनके परिजनों को संभालेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पुलिसकर्मियों के कल्याण तथा उनके परिजनों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर, जागरूक है तथा रहेगी। सरकार आने वाले दिनों में प्रशिक्षण, भर्ती तथा आधुनिकीकरण की दिशा में अनेक ऐसे कदम उठाने जा रही है जिससे पुलिस बल मजबूती के साथ देश सेवा कर सकेंगे।
गृह मंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर आतंकवाद, साइबर अपराध और अन्य समस्याओं के कारण पुलिस की चुनौती बढी है तथा उसे विभिन्न आयामों तथा पहलुओं को ध्यान में रखकर काम करना पड़ रहा है। इससे निपटने के लिए पुलिस का हर दृष्टि से आधुनिकीकरण किया जा रहा है। देश की सीमाओं की सुरक्षा में लगे पुलिसबल सेना के साथ मिलकर मुस्तैदी से अपना काम कर रहे हैं और अब सीमाओं को अभेद्य बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का बड़ पैमाने पर मदद ली जा रही है। इस दिशा में व्यापक स्तर पर काम हो हो रहा है जिसके बाद पुलिसबल प्रौद्योगिकी और अपनी तत्परता के सामंजस्य से देश को बेहतर तरीके से सुरक्षित कर पायेंगे।
चीन के साथ देश की सीमा की रक्षा करते हुए पुलिसकर्मियों ने बलिदान दिया था, उसकी याद में हर वर्ष 21 अक्टूबर को ‘पुलिस स्मृति दिवस’ मनाया जाता है। यह घटना वर्ष 1959 में हुई थी जब पुलिसकर्मी पीठ दिखाने के बजाय चीनी सैनिकों की गोलियां सीने पर झेलकर शहीद हुए थे।
जनवरी 1960 में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिरीक्षकों के वार्षिक सम्मेलन में तय हुआ कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों की शहादत बिसराई नहीं जाएगी और 21 अक्टूबर को‘पुलिस स्मृति दिवस’के रूप में मनाने का निर्णय हुआ। तब से हर वर्ष देश उन 10 शहीदों को याद करता है जो चीनी आक्रमण का शिकार हुए। वर्ष 2012 के बाद से हर वर्ष इस दिन दिल्ली के चाणक्यपुरी में स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर परेड का आयोजन होता है।