यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उत्तर प्रदेश के चार दलित सांसदों की योगी सरकार के खिलाफ नाराजगी को पीएम ने गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिल्ली बुलाया। पिछले कुछ दिनों से यूपी के कई बीजेपी दलित सांसदों ने दलितों के खिलाफ कथित अत्याचार से आहत होकर खुलकर केंद्र और योगी सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की है। अब उन्होंने इस मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है।
इस मुद्दे को गंभीरता से लेते योगी आदित्यनाथ पीएम मोदी से मिले। आधिकारिक तौर पर इस मुलाकात का ब्यौरा जारी नहीं किया गया, लेकिन माना जा रहा है कि इस दौरान दलित सांसदों की नाराजगी पर विस्तार से चर्चा हुई। दिल्ली में हुई मुलाकात के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने योगी आदित्यनाथ से इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने को कहा है। बताया जा रहा है कि बैठक में पीएम ने योगी को निर्देश दिए हैं कि जरूरत पड़े तो नाराज सांसदों से अलग से बातचीत करें और उनकी समस्याओं को दूर करें। उधर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने दलितों के उत्पीड़न के आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
बीजेपी सांसद दोहरे ने अपने पत्र में लिखा था कि दलितों को उनके घरों से बाहर निकालकर पिटाई की जा रही है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए योगी ने कहा कि पुलिस द्वारा किसी भी बेगुनाह को नहीं फंसाया जा रहा। उन्होंने दलित समाज और उसके जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज करने के आरोपों को भी खारिज किया। सीएम योगी ने कहा, ‘कोई भेदभाव नहीं हो रहा है।’ पिछले दिनों अशोक दोहरे ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर योगी सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई थी। उन्होंने लिखा था कि एससी-एसटी ऐक्ट को लेकर हुए प्रदर्शन के बाद यूपी पुलिस दलित समुदाय के लोगों को झूठे केस में फंसाकर गिरफ्तार कर रही है।
इससे पहले सांसद छोटेलाल खरवार ने भी पीएम को चिट्ठी लिखकर सीएम योगी आदित्यनाथ की शिकायत की। उन्होंने कहा कि जिले के अधिकारी उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि जब उन्होंने इस मामले में सीएम योगी से मुलाकात करके शिकायत की तो सीएम ने उन्हें डांटकर भगा दिया गया। उधर, सांसद सावित्रीबाई फुले दलितों के मुद्दे को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। फुले ने यूपी में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम में रामजी जोड़े जाने के मसले पर भी योगी सरकार से नाराजगी जाहिर की थी।
वहीं नगीना से सांसद डॉ. यशवंत सिंह ने पीएम को पत्र लिखकर दलितों के हित में चार साल के भीतर एक भी काम नहीं होने की बात कही है। साथ ही उन्होंने पीएम से आग्रह किया है कि वह जल्द आरक्षण बिल को पास कराएं।
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