नई दिल्ली : दिल्ली की बिगड़ती आबोहवा पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने नजर बनाई हुई है। पीएमओ लगतार बैठकें कर दिल्ली-एनसीआर की स्थिति की समीक्षा कर रहा। बढ़ते प्रदूषण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा की अध्यक्षता में हुई बैठक में पंजाब और हरियाणा में जलाए जाने वाले पराली के अलावा दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्थानीय कारणों पर चर्चा हुई। बैठक के दौरान उच्च स्तरीय टास्क फोर्स ने बताया कि दिल्ली में वायू प्रदूषण की जांच के लिए 113 स्टेशन वर्तमान में काम कर रहे हैं। जल्द ही 29 स्टेंशनों को इंस्टॉल कर दिया जाएगा।
इनके मदद से दिल्ली में बढ़ने वाले प्रदूषण की लगातार समीक्षा की जाएगी। उम्मीद है कि दिवाली के बाद नवंबर तक वायू प्रदूषण का स्तर और बढ़ेगा। बैठक के दौरान दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव ने दिल्ली द्वारा राजधानी में धूल के उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न एजेंसियों द्वारा किए जा रहे प्रयास के बारे में बताया।
वहीं बैठक में पीएम के प्रधान सचिव ने पंजाब और हरियाणा में फसल जलने की घटनाओं पर सख्ती करने का आदेश दिया। साथ ही कार्रवाई को तेज करने के निर्देश दिए। बताया जा रहा है कि 26 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक प्रदूषण की स्थिति खराब रहने वाली है। फिलहाल 3 नवम्बर तक प्रदूषण गंभीर स्थिति तक बना हुआ है।
218 के चालान काटे…उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए विभिन्न क्षेत्र में निरीक्षण कर निर्माण गतिविधियों के कारण उत्पन्न प्रदूषण और प्रदूषण फैला रही फैक्ट्रियों के खिलाफ कार्रवाई की । उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने खुले में कूड़ा जलाने के 106, निर्माण कार्य से उत्पन्न धूल के 68, रोड से धूल के 25, खुले में मलबा डालने के 19 चालान किए है। इस चालान से निगम ने 12,25,000 रुपए का जुर्माना वसूला है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने 15 अक्तूबर से अब तक 4630 स्थानों का निरीक्षण किया और 2085 स्थानों पर उल्लंघन पाया।
लापरवाह अधिकारियों की कटेगा वेतन
दिल्ली सरकार ने पीडब्ल्यूडी और अन्य एजेंसियों के नियंत्रण वाली सड़कों एवं क्षेत्रों से भवन निर्माण सामग्री एवं मलबा और अन्य अपशिष्ट पदार्थों को हटाने में विफल रहने पर संबंधित कार्यकारी अभियंताओं की तनख्वाह में कटौती करने का निर्णय लिया है। ऐसा सख्त निर्णय पहली बार लिया गया है और प्रदूषण से जंग में इसे एक बड़ा कदम माना जा रहा है। शामिल एक अधिकारी ने कहा, तय किया गया है कि पीडब्ल्यूडी और अन्य एजेंसियों के जो भी कार्यकारी अभियंता अपने नियंत्रण वाली सड़कों और क्षेत्रों से मलबा हटाने में लापरवाह हैं, उन्हें व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा और उनकी तनख्वाह से उपयुक्त कटौती की जाएगी।
दिल्ली की आबोहवा दुरुस्त करने के लिए कैमिकल का होगा इस्तेमाल
पर्यावरण मंत्रालय ने दिल्ली में प्रदूषण को काबू करने के लिए पानी की छिड़काव को बहुत प्रभावी नहीं मानती है। क्योंकि पानी के सूखने के बाद स्थिति फिर वैसी ही हो जाएगी। इसके लिए अब दिल्ली में जहां-जहां प्रदूषण के कारक हैं वहां पर कैमिकल (मैग्नीशियम क्लोराइड) का छिड़काव कराएगी। इसके लिए सिविक एजेंसियों को निर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय का कहना है कि इस कैमिकल को कंस्ट्रक्शन वाली जगहों पर इस्तेमाल किया जाएगा, जहां से डस्ट अधिक उड़ता है।
दिल्ली में एयर प्यूरीफायर कामयाब नहीं…
पर्यावरण मंत्रालय ने शुक्रवार को साफ कर दिया कि दिल्ली में जिस तरह का प्रदूषण है, उसमें यहां एयर प्यूरीफायर कामयाब नहीं है। एयर प्यूरीफायर को लेकर एक प्रयोग किया जा चुका है, जोकि सफल नहीं रहा। यह प्रयोग दिल्ली में पांच जगहों पर किया गया था। अब कुछ कंपनियां दिल्ली के प्रदूषण पर रिसर्च करते हुए आयनाइजेशन का इस्तेमाल कर रही हैं।
13 हॉट स्पॉट की पहचान
दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदूषण को लेकर 13 हॉट स्पॉट की पहचान की गई है। इन क्षेत्रों में सुधार के लिए दो सप्ताह के भीतर बड़े स्तर पर काम किया जाएगा। इसमें दिल्ली सरकार के अलावा सभी स्थानीय निकाय भी सक्रिय भूमिका निभाएगी। इन हॉट स्पॉट के आसपास सी और डी कचरे और कचरा डंप की पहचान की गई है। जिसे 24 घंटे में साफ करने का आदेश दिया गया है।
मशीन से होगी सफाई… बैठक में मुख्य सचिव से सड़कों की सफाई के लिए 60 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन (एमआरएसएम) के बारे में बताया। इसके अलावा बैठक के बाद मुख्य सचिव ने प्रदूषण रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का आदेश दिया है। साथ ही स्थानीय निकायों को लगातार पानी के छिड़काव करने का आदेश दिया है।