टिहरी : टिहरी के देवप्रयाग में पुलिस ने बैंक से फर्जी नाम से फर्म बनाकर लोन के लाखों रुपये गबन के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने वर्ष 2009 में ग्रामीणों के नाम से फर्जी फर्म बनाकर पीएनबी देवप्रयाग में शाखा प्रबंधक की मिलीभगत से कुल 91 लाख रुपये का ऋण लिया था। मामले का पता तब चला था जब बैंक की ओर से ग्रामीणों को लोन वसूली के नोटिस जारी किए गए। वर्ष 2016 में मामले की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही थी। वर्ष 2009 में भगवती प्रसाद पुत्र चैतराम ने पीएनबी देवप्रयाग में ग्रामीणों के नाम से फर्जी फर्म बनाकर बैंक से कुल 91 लाख रुपये का लोन हासिल किया।
आरोपी ने बैंक में फर्जी फर्मों के खाते खुलवाकर लोन की राशि बैंक मैनेजर की मिलीभगत से हासिल की थी। मामले का खुलासा तब हुआ जब फर्जी नामों से खोले गए खाताधारक ग्रामीणों को बैंक की ओर से ऋण वसूली का नोटिस जारी हुआ। बैंक से जानकारी के बाद ग्रामीणों की ओर से रामानंद सती ने देवप्रयाग थाने में नवंबर 2016 को रिपोर्ट दर्ज कराई। जिस पर पुलिस ने धोखाधड़ी, गबन सहित छह धाराओं के तहत बैंक मैनेजर केबी कुलश्रेष्ठ तथा भगवती प्रसाद के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू की।
मामले में गिरफ्तार होने के अंदेशे से बैंक मैनेजर ने कोर्ट से बीते अगस्त माह में पहले ही स्टे ले लिया था। देवप्रयाग थाना प्रभारी व जांच अधिकारी विनोद राणा ने बताया कि ग्रामीणों के नाम से फर्जी फर्म बनाकर लोन की राशि हासिल करने वाले आरोपी के खिलाफ पुलिस जांच कर ठोस सबूत एकत्र कर रही थी। जिसके बाद गबन के मुख्य आरोपी को गुरुवार सुबह पालकोट के जीमाण गांव स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि आरोपी को न्यायालय में पेश किए जाने की तैयार की जा रही है।