नई दिल्ली : दिल्ली में एक बार फिर से प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ने लगा है। पिछले दो दिनों में दिल्ली के मौसम में आए बदलाव के बाद डस्ट और वाहनों के कारण राजधानी के कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति को छू गया है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार द्वारका में रात के समय पीएम 10 का स्तर 1212 को छू गया। हालांकि सोमवार दोपहर यह स्तर गिरकर 450 पर पहुंच गया।
इसके अलावा वजीरपुर में पीएम 10 का स्तर 714, मुंडका में 425, जहांगीर पुरी में 381, अशोक विहार में 422, ओखला में 382, रोहिणी में 426, विवेक विहार में 359 का स्तर रहा। वहीं इन क्षेत्रों में पीएम 2.5 का स्तर भी 100 से 200 के करीब रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार दिल्ली में पीएम 10 का स्तर बढ़कर 228 और पीएम 2.5 का स्तर बढ़कर 112 पर पहुंच गया है। बोर्ड के अनुसार मौसम में आए बदलाव के बाद प्रदूषण का स्तर बढ़ने की संभावना है।
आज चलेंगी तेज हवाएं
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को दिल्ली के कई इलाकों में तेज हवाएं चल सकती हैं। इन हवाओं के कारण निचले स्तर पर प्रदूषण से राहत मिलने की संभावना है। विभाग की माने तो अगले दो दिनों तक तेज हवाओं का रुख बना हुआ है।
दिवाली से पहले खराब होगी दिल्ली की आबोहवा
दिवाली से पहले राजधानी की आबोहवा खराब होने की उम्मीद है। पर्यावरण विभाग के अनुसार पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। संभावना है कि एक दो दिनों में दिल्ली में धुंआ पहुंच सकता है जो दिल्ली की आबोहवा को खराब कर देगा। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हम पड़ोसी राज्यों के संपर्क में हैं और प्रयास कर रहे हैं कि पराली से होने वाला प्रदूषण कम हो।
एनसीआर में डीजी सेट पर फैसला आज… दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के खतरे को देखते हुए ईपीसीए के आदेश पर डीजल जनरेटर सेट के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन एनसीआर क्षेत्र ने छूट मांगी हुई है। एनसीआर क्षेत्र को यह छूट मिलेगी या नहीं इसका फैसला आज हो जाएगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार आज रिपोर्ट मिल जाएगी कि क्या एनसीआर क्षेत्र में चल रहे डीजल जनरेटर सेट को छूट दी जाए या नहीं।
बता दें कि गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, पानीपत, बहादुरगढ़ में इस समय डीजल जनरेटर के इस्तेमाल किया जा रहा है। इन क्षेत्रों के प्रशासन का कहना है कि उक्त जगहों पर रह रहे औद्योगिक इकाइयों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही, जिस कारण उन्हें कुछ समय के लिए जनरेटर का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि छूट नहीं मिलेगी तो कंपनियों को नुकसान होगा। यहां काम बंद हो सकता है।