दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को वकीलों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प के बाद दोनों पक्षों की ओर से केस दर्ज हुए। क्राइम ब्रांच की एसआईटी टीम इस मामले की जांच करेगी, जिसकी कमान स्पेशल कमिश्नर स्तर के अफसर के हाथों में होगी। पुलिस का कहना है कि विवाद पार्किंग को लेकर हुआ था। पुलिस के वरिष्ठ अफसरों के साथ मारपीट की गई। इस मामले में सीसीटीवी फुटेज वेरिफाई की जा रही है।
आपको बता दे कि दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को पुलिस के साथ मामूली विवाद के बाद हिंसक झड़प होने से 20 पुलिसकर्मी और आठ वकील घायल हो गये जिसमें एक वकील को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना से वकीलों में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया और घटनास्थल पर तनाव बरकरार है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीस हजारी की घटना में एक अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त और दो थानों के एसएचओ समेत 20 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इसके साथ ही आठ वकील भी घायल हुए है।
उन्होंने बताया कि दोनों ओर से शिकायत मिलने पर मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही पूरी घटना की जांच एक विशेष आयुक्त के नेतृत्व में करने का भी निर्णय किया गया है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
तीस हजारी बार एसोसिएशन के सचिव जयवीर सिंह चौहान ने बताया कि एक वकील की कार, पुलिस की जेल वैन को छू गयी जिसके बाद वकील और पुलिसकर्मियों के बीच बहस हो गयी ।
चौहान ने आरोप लगाया, ‘‘इसके बाद उन्हें हवालात ले जाया गया और बुरी तरह पीटा गया। थाना प्रभारी आए लेकिन भीतर जाने नहीं दिया गया। मध्य और पश्चिमी जिले के जिला न्यायाधीश, छह अन्य न्यायाधीशों के साथ वहां गए लेकिन वह वकील को नहीं निकलवा पाए।’’
आगे उन्होंने दावा किया कि न्यायाधीश जब जा रहे थे तो 20 मिनट बाद पुलिस ने चार चक्र गोलियां चलायी।
उन्होंने दावा किया कि अन्य वकीलों के साथ बाहर में प्रदर्शन कर रहे एक वकील रंजीत सिंह मलिक पुलिस की गोली से घायल हो गए । उन्होंने बताया कि घायल वकीलों को सेंट स्टीफन अस्पताल ले जाया गया ।
चौहान ने आरोप लगाया, ‘‘पुलिस ने वकीलों के साथ बदसलूकी की। पूरी तरह से पुलिस की लापरवाही का मामला है।’’ उन्होंने दावा किया कि करीब डेढ़ घंटे बाद वकील को हवालात से छोड़ दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि झड़प के दौरान एक वाहन में आग लगा दी गयी और आठ अन्य वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। आठ बाइकों में भी आग लगा दी गयी। दमकल विभाग ने मौके पर 10 गाड़ियों को भेजा ।
झड़प के बाद घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों और दंगा रोधी वाहनों को तैनात किया गया।
पुलिस ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और झड़प के कारण अदालत परिसर के भीतर फंसे विचाराधीन कैदियों को बाद में पुलिस वाहनों से संबंधित जेलों में पहुंचाया गया।
अदालत परिसर के द्वार के सामने बैठकर प्रदर्शन करते हुए वकीलों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने घटना के दौरान गोली चलायी और इसमें संलिप्त कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की ।
बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के अध्यक्ष के सी मित्तल ने कहा, ‘‘हम तीस हजारी अदालत में पुलिस द्वारा वकीलों पर बर्बर और बिना किसी उकसावे के हमले की कड़ी निंदा करते है। एक वकील की हालत नाजुक है। हवालात में एक वकील को पीटा गया। पुलिस ने घोर लापरवाही दिखायी। उन्हें बर्खास्त करना चाहिए और उनपर मुकदमा चलना चाहिए। हम दिल्ली के वकीलों के साथ खड़े हैं।’’
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख सुभाष चोपड़ा पार्टी सदस्यों के साथ अदालत परिसर पहुंचे और झड़प में संलिप्त कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
असम बार काउंसिल की सदस्य खुशबू वर्मा कुछ काम से वहां आयी थीं । उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों ने उनपर हमला किया। उन्होंने दावा किया, ‘‘ एक भी महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी।’’