नई दिल्ली : सरकारी स्कूलों में पढ़ाने का अनुबंध खत्म होने के बाद बेरोजगार हुए गेस्ट टीचर्स के नियमतीकरण का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। सत्ताधारी पार्टी और विपक्षी दलों द्वारा इस मुद्दे पर की जा रही अब टीचर्स को नागवार लगने लगी है। इतना ही नहीं गेस्ट टीचर्स का कहना है कि अब उन्हें अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करने से भी रोका जा रहा है।
गेस्ट टीचर्स का कहना है कि सोमवार को वह 60 साल की पॉलिसी को लागू करने की मांग को लेकर दिल्ली भाजपा कार्यालय की तरफ जा ही रहे थे कि उन्हें बैरियर लगाकर बीच रास्ते में ही रोक दिया गया। बैरियर को पार करके आगे बढ़े तो पुलिस और अर्ध सैनिक बलों द्वारा उनके साथ मारपीट की गई और हिरासत में लेकर संसद मार्ग थाने ले जाया गया। टीचर्स का कहना है कि अब पुलिस बल से उनकी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अब वे चुप नहीं बैठेंगे।
कुछ गेस्ट टीचर्स को संसद मार्ग थाने ले जाने से गुस्साए अन्य गेस्ट टीचर्स ने पुलिस के विरोध में संसद मार्ग थाने के बाहर धरना प्रदर्शन किया। ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी शोएब राणा ने बताया कि गेस्ट टीचर्स को दिल्ली भाजपा कार्यालय की तरफ जाने से रोकने के लिए पुलिस ने बल का प्रयोग किया।
झड़प के दौरान कई गेस्ट टीचर्स विशेष रूप से महिला अध्यापिकाओं को चोटें आई हैं। वहीं देर शाम दिल्ली भाजपा कार्यालय में मनोज तिवारी ने एक बार फिर गेस्ट टीचर्स के साथ बैठक कर उन्हें पॉलिसी के लागू होने का आश्वासन दिया।