दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को पुलिस को जेएनयू के कुलपति, रजिस्ट्रार सहित प्रशासनिक कर्मचारियों को सुरक्षा और सहायता प्रदान करने को कहा ताकि वे मुख्य कार्यालय में घुस सकें, जिसे प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बाधित कर रखा है।न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने दिल्ली पुलिस को यह निर्देश तब जारी किया जब अदालत को बताया गया कि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार छात्रों के प्रदर्शन के कारण प्रशासनिक खंड में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं।
अदालत को स्थिति के बारे में बताया गया। इससे पहले अदालत ने पूछा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने दो प्रोफेसरों की संलिप्तता वाले यौन उत्पीड़न के मामले में अब तक अपना जवाब क्यों नहीं दाखिल किया है।
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विश्वविद्यालय की स्थिति के बारे में सुबह में बताया गया तो अदालत ने केंद्र सरकार की स्थायी वकील मोनिका अरोड़ा और दिल्ली सरकार के स्थायी वकील (फौजदारी) राहुल मेहरा को भोजन अवकाश के बाद की सुनवाई में पेश होने को कहा।
भोजन अवकाश के बाद की सुनवाई के दौरान अरोड़ा ने अदालत को बताया कि अगस्त 2017 में उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि छात्र प्रशासनिक खंड से 100 मीटर दूर रहकर प्रदर्शन करें और इमारत में नहीं घुसें। उन्होंने अदालत को बताया कि छात्रों द्वारा आदेश नहीं माने जाने पर पुलिस से दखल देने को भी कहा गया था। दलीलें सुनने के बाद अदालत ने पुलिस को विश्वविद्यालय कर्मचारियों को सुरक्षा और सहयोग प्रदान करने को कहा ताकि वे प्रशासनिक खंड में प्रवेश कर पाएं और अपना काम शुरू कर सकें।