यहां की एक अदालत ने शनिवार को दिल्ली पुलिस से कहा कि सीसीटीवी फुटेज की जांच करे ताकि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ पिछले हफ्ते दरियागंज इलाके में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार 15 आरोपियों की कथित संलिप्तता का पता लगाया जा सके।
अदालत ने कहा कि इलाके से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज की जांच करने से कथित अपराध में आरोपियों की नीयत भूमिका तय होने की संभावना है।
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश मनीष यदुवंशी ने कहा, ‘‘जांच अधिकारी (आईओ) सीसीटीवी फुटेज के पहलुओं की जांच करेंगे और सीसीटीवी फुटेज पेश करेंगे ताकि अपराध में आवेदकों की वास्तविक संलिप्तता का पता लगाया जा सके।’’
अदालत ने आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई सात जनवरी 2020 तक स्थगित कर दी।
पुलिस ने जमानत याचिकाओं का विरोध किया और अदालत से कहा कि हिंसक प्रदर्शन के दौरान 17 पुलिसकर्मी घायल हुए और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा।
इलाके में 20 दिसम्बर को हिंसा भड़कने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। प्रदर्शन के दौरान एक कार में आग लगा दी गई और कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया।
सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। गिरफ्तार एक आरोपी ने दावा किया कि वह किशोर है। बहरहाल, पुलिस ने कहा था कि उसने अपनी उम्र 23 वर्ष बताई थी।