दिल्ली पुलिस जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की हिरासत के बाद एक और कदम आगे बढ़ते हुए अब प्रो-खालिस्तानी ग्रुप-पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन और बाकी सभी सक्रिय साथियों की पहचान करने के लिए दिशा रवि से पूछताछ करेगी। दरअसल, पुलिस दिशा से पूछताछ करके डिलीट किए गए सोशल मीडिया के व्हाट्सऐप ग्रुप को फिर से वापिस हासिल करना चाहती है, जिसके लिए उसने दिशा की पांच दिनों की हिरासत ली है।
गौरतलब है कि किसानों के विरोध से संबंधित सोशल मीडिया पर कथित रूप से ‘टूलकिट’ को संपादित करने और साझा करने के मामले में दिशा रवि को शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था। उसे अगले दिन अदालत में पेश किया गया और उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था।
कार्यवाही के दौरान पुलिस ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट देव सरोहा को बताया कि डिलीट किए गए व्हाट्सऐप ग्रुप को बरामद करने के लिए उसकी कस्टडी जरूरी है क्योंकि उसमें बहुत सारी अहम जानकारियां हो सकती हैं। इसके अलावा अपराध में इस्तेमाल होने वाले अन्य उपकरणों और मोबाइलों की बरामदगी के लिए भी उसकी कस्टडी बेहद आवश्यक है।
अदालत के आदेश की प्रति के अनुसार, इसमें यह भी कहा गया है कि समुचित जांच के लिए यह जरूरी है कि प्रो-खालिस्तानी ग्रुप – पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन और उसके सक्रिय सदस्यों की पहचान करने और डिलीट किए गए व्हाट्सऐप ग्रुप को फिर से रिकवर करने के लिए उससे विस्तृत पूछताछ की जाए।
अदालत ने उसे पुलिस की हिरासत में भेजते हुए मेडिकल टेस्ट कराने का निर्देश दिया। उसे अब हिरासत की अवधि के अंत में 19 फरवरी को अदालत में पेश किया जाएगा। पूछताछ के लिए उसकी हिरासत की मांग करते हुए दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा कि यह भारत सरकार के खिलाफ एक बड़ी साजिश है। इसके बाद दिशा अदालत कक्ष में रोने लगी। उसने जज से कहा कि उसने टूलकिट नहीं बनाया है, उसने 3 फरवरी को केवल दो लाइनें संपादित की थी।
कानूनी सहायता वकील (एलएसी) प्रमोद सिंह आरोपी की ओर से अदालत में पेश हुए, जबकि दिल्ली पुलिस जांच अधिकारी (आईओ) प्रवीण कुमार केस फाइल के साथ अदालत में आए। साइबर सेल ने भारत सरकार के खिलाफ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक युद्ध छेड़ने के लिए टूलकिट के खालिस्तान समर्थक निर्माताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
मामले पर विस्तार से जानकारी देने के लिए रविवार को दिल्ली पुलिस ने माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर का सहारा लिया। इसमें लिखा है कि दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई दिशा रवि टूलकिट गूगल डॉक की संपादक है और दस्तावेज के निर्माण और प्रसार में महत्वपूर्ण साजिशकर्ता है।