हल्द्वानी : अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने पूनम हत्याकांड में किसी परिवार के सदस्य या परिचित का हाथ होने की संभावना जताई है। उन्होंने इस वारदात को भाड़े के शूटरों से अंजाम दिलाने की आशंका व्यक्त की है। शनिवार को यहां पत्रकारों से वार्ता करते हुए एडीजी ने कहा कि पूनम हत्याकांड में पुलिस प्रत्येक बिन्दु पर गहनता से जांच कर रही है। शक के आधार पर अभी तक सैकड़ों लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। लिहाजा सफलता अभी हाथ नहीं लगी है। उन्होंने कहा कि इस वारदात को किसी परिवार के सदस्य या परिचित द्वारा अंजाम देने की बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
अब पुलिस इस बिन्दु पर विशेष फोकस कर अपनी जांच आगे बढ़ा रही है। परिवार के सदस्य व परिचित भी शक के आधार पर रडार पर लिए जा रहे हैं। एडीजी ने कहा कि उन्होंने करीब आधा घंटे तक घटना की चश्मदीद गवाह अर्शा पांडे से गहन पूछताछ की है। लेकिन वह अभी भी कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि सिर में चोट व घटना के सदमे से वह अभी उबर नहीं पाई है। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही इस हत्याकांड से पर्दा उठा दिया जाएगा। उन्होंने पूनम के पति लक्ष्मी दत्त पांडे से भी पूछताछ कर जानकारी जुटाई। इससे पूर्व एडीजी ने गोरापड़ाव पहुंच कर घायल अर्शा से पूनम हत्याकांड के बारे में पूछताछ की। साथ ही उन्होंने पुलिस व एसआईटी से अब तक की जांच रिपोर्ट के बावत जानकारी ली। उन्होंने पुलिस बहुद्देशीय भवन में एक सितम्बर से चल रहे अभियान की समीक्षा की।
पूनम हत्याकांड में गुत्थी और उलझी
इस दौरान पाया गया कि कुमायूं परिक्षेत्र के जिलों में डकैती, हत्या, लूट, वाहन लूट, चेन स्नेचिंग, बलात्कार, पाॅक्सो, गृह भेदन, चोरी से संबंधित 72 घटनाएं घटित हुई। जिसमें से 65 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। जबकि तीन अदालत में हाजिर हुए हैं इसी तरह 87 इनामी अपराधियों के सापेक्ष 4 अभियुक्त बढ़े, जिसमें से 14 गिरफ्तार किये गये। लंबित विवेचनाओं के मामलों में 99 लंबित विवेचनाओं के सापेक्ष 43 मामलों में बढ़ोत्तरी हुई। जिसमें से 18 का निस्तारण किया गया। इस पर एडीजी ने अधीनस्थों को निर्देश दिए कि वह लंबित विवेचनाओं का शीघ्र निस्तारण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि विवेचना में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी भी बेगुनाह को सजा न होने पाए।
उन्होंने कहा कि पूर्व में घटित वारदातों का जल्द खुलासा किया जाए। इसके अलावा एडीजी ने निर्देश दिए कि ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ गठित टीम को सक्रिय किया जाए। साथ ही व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उसमें कर्मचारियों को अपडेट रखा जाए। इसके उपरांत एडीजी कोतवाली परिसर में जनता से रूबरू हुए। उन्होंने लोगों की समस्याएं सुनते हुए अधीनस्थों को उनके तत्काल समाधान करने के लिए निर्देशित किया। इस दौरान आईजी पूरन सिंह रावत, एसएसपी जन्मेजय खंडूरी, एसपीसिटी अमित श्रीवास्तव, कोतवाल विक्रम राठौर समेत कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
- संजय तलवाड़