राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए संभावित लॉकडाउन के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार, 15 नवंबर यानी आज सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने पहले दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में वृद्धि को एक "आपातकालीन स्थिति" करार दिया था, इस बात पर बल दिया था कि महत्वपूर्ण उपाय किए जाने की आवश्यकता है। दिल्ली में रविवार को 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 330 दर्ज किया गया, जबकि पिछले दिन यह 437 था, क्योंकि हरियाणा और पंजाब में आग से होने वाले उत्सर्जन में काफी गिरावट आई थी।
प्रदूषण को लेकर एक्शन में सुप्रीम कोर्ट
बता दें कि शुक्रवार को एक्यूआई 471 के आसपास था, जो इस सीजन में अब तक का सबसे खराब स्तर है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए अब तक उठाए गए कदमों को साझा करने को भी कहा है। इसके अतिरिक्त, केंद्र वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार के लिए उठाए जाने वाले संभावित कदमों को साझा करेगा और इसे मौजूदा स्तर से कम से कम 200 अंक तक लाएगा जो औसतन 500 से ऊपर है।
बताते चलें कि 51 और 100 के बीच एक्यूआई को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब' की श्रेणी में माना जाता है। जबकि 300-400 को 'बहुत खराब' माना जाता है, 401-500 के बीच का स्तर 'खतरनाक' श्रेणी में आता है।
हफ्तेभर स्कूल रहेंगे बंद, सीएम केजरीवाल ने बताई यह वजह
इससे पहले शनिवार को, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि दिल्ली में स्कूल सोमवार से शुरू होने वाले एक सप्ताह के लिए बंद रहेंगे। केजरीवाल ने सचिवालय में शीर्ष अधिकारियों के साथ आपात बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए फैसला किया गया कि बच्चे प्रदूषित हवा में सांस न लें।
एनसीआर और आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने रविवार को खराब वायु गुणवत्ता में योगदान देने वाले 5 अलग-अलग क्षेत्रों की पहचान की थी - धान की पराली जलाना, निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) गतिविधियों से धूल, सड़कों और खुले क्षेत्रों से धूल; वाहन, और उद्योग। पड़ोसी राज्य हरियाणा ने भी उच्च प्रदूषण के कारण 4 जिलों में स्कूल बंद कर दिए हैं।