नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों में फीस बढ़ाने पर रोक को बढ़ा दिया है। अब 30 अप्रैल तक निजी स्कूल अभिभावकों से बढ़ाई हुई फीस नहीं वसूल सकेंगे। चीफ जस्टिस बेंच के इस मामले से किनारा करने के चलते जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस आईएस मेहता की बेंच के आगे इस मामले की सुनवाई हुई। और बेंच ने स्टे को बरकरार रखते हुए 30 अप्रैल की अगली सुनवाई की तारीख निर्धारित कर दी।
दिल्ली सरकार ने सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट की डबल बेंच चुनौती दी है। जस्टिस सी. हरिशंकर की सिंगल बेंच ने प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने की मंजूरी दे दी थी। शिक्षा निदेशालय ने 13 अप्रैल 2018 को सर्कुलर जारी किया था कि प्राइवेट स्कूलों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए फीस बढ़ाने से रोका जा रहा है।
इसके अलावा शिक्षा निदेशालय ने प्राइवेट स्कूलों को ये भी निर्देश दिए कि वो बढ़ा कर ली गई फीस अभिभावकों को वापस कर दे। इस आदेश के खिलाफ 400 से अधिक प्राइवेट स्कूलों की बनी एक्शन कमेटी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। हालांकि उन्हें हाईकोर्ट से बीते साल मई में ही अंतरिम राहत मिल गई।
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के इस आदेश को लागू करने से तब तक के लिए रोक लगा दी। जब तक वह इस पर फैसला न सुना दे। सिंगल बेंच ने स्कूल एक्शन कमेटी की उस दलील को माना, जिसमें कहा गया कि वह फीस वृद्धि शिक्षा निदेशालय के 17 अक्टूबर 2017 में जारी किए गए दिशा-निर्देशों के आधार पर कर सकते हैं। इसके आधार पर शिक्षा निदेशालय ने गैर सहायता वाले मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।
फीस नहीं बढ़ाने देंगे : सिसोदिया
राजधानी के निजी स्कूलों द्वारा फीस बढ़ोतरी के बाद अभिभावक गुस्से में हैं। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा सोमवार को फीस बढ़ोतरी पर स्टे के निर्णय को 30 अप्रैल तक जारी रखने के बाद अभिभावकों को राहत मिली है। वहीं दिल्ली सरकार की ओर से अभिभावकों के सहयोग की बात कही गई है।
उप मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को ट्वीट करते हुए निजी स्कूल द्वारा फीस बढ़ाने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का स्टे जारी रहने की जानकारी के साथ-साथ अभिभावकों को बधाई दी। वहीं उन्होंने कहा कि आपने ईमानदार सरकार चुनी है जो किसी भी कीमत पर निजी स्कूलों को मनमानी फीस नहीं बढ़ाने देगी।