नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर सरकार के उस फैसले का विरोध किया गया है जिसमें करदाताओं के उन लंबित विवादों के लिए ‘सबका विश्वास (विरासत विवाद समाधान) योजना, 2019’ का लाभ देने का फैसला किया गया है, जिनकी अंतिम सुनवाई 30 जून या उससे पहले पूरी हो चुकी है। योजना माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में समाहित करों के निपटारे से संबंधित है, जिसमें ब्याज एवं जुर्माने की पूर्ण माफी के साथ मुकदमे की कार्यवाही से छूट के रूप में करदाताओं को कई राहत दिए गए हैं।
याचिका में दलील दी गई है कि जिन विवादों की सुनवाई 30 जून या उससे पहले पूरी हो चुकी है या जिनके कर की रकम निर्धारित नहीं की गई है अथवा तय समय से पहले उनके बारे में सूचित नहीं किया गया है, उनके लिए योजना को लागू करने से सरकारी खजाने को काफी नुकसान होगा। जनहित याचिका शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल एवं न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होने की संभावना है।