श्योपुर : देश में वाहनों के बढते प्रदूषण को रोकने की गरज से सरकार ने पेट्रोल पंपों पर पीयूसी सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है। पीयूसी सेंटर की स्थापना के लिए पंप संचालकों को बाकायदा आरटीओ कार्यालय से अनुमति लेनी होगी। यहां स्मोक मीटर से वाहनों के प्रदूषण की न केवल जांच होगी,बल्कि प्रदूषण अधिक पाए जाने पर जुर्माना सहित अन्य कार्रवाई का भी प्रावधान किया गया है। जिला मुख्यालय समेत अंचल में संचालित सभी पेट्रोल पंपों पर वाहनों से निकलने वाले धुंए की जांच के लिए पीयूसी सेंटर बनाए जाएंगे।
परिवहन आयुक्त ने इसके लिए सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को आदेश जारी कर दिए हैं। अब पेट्रोल पंपों को आरटीओ कार्यालय से एनओसी लेकर साल के अंत तक पीयूसी सेंटर बनाने होंगे। इन सेंटरों पर वाहनों के धुंए की जांच कर उन्हें सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। हालांकि अनफिट पाए जाने पर वाहनों के क्या खिलाफ क्या कार्रवाई होगी? फिलहाल इस बारे में स्पष्ट तो नहीं किया गया है,लेकिन इतना तय है कि ऐसे वाहनों पर जुर्माने की कार्रवाई जरूर की जाएगी। पीयूसी सेंटर स्थापित होने के बाद वाहनों के लिए प्रदूषण की जांच अनिवार्य हो जाएगी।
जो वाहन मालिक प्रदूषण की जांच नहीं कराएगा,उस वाहन के रजिस्ट्रेशन को निरस्त करने की बात भी विभागीय अधिकारियों द्वारा कही जा रही है। परिवहन आयुक्त द्वारा आदेश जारी होने के बाद अब जिले के सभी पेट्रोल पंपों पर पीयूसी सेंटर बनाना अनिवार्य हो जाएगा। वाहनों के प्रदूषण की जांच अनिवार्य होने एवं उसमें कार्रवाई के कडे प्रावधान होने की स्थिति में वाहन प्रदूषण कम होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। पीयूसी सेंटर पर वाहनों के धुंए की जांच की जाएगी। जारी किए गए निर्देशों के अनुसार पेट्रोल पंप संचालकों की ओर से परिवहन विभाग में एनओसी के लिए आवेदन दिए जाएंगे।