नई दिल्ली : बहुप्रतिक्षित दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की राहुल गांधी के साथ बैठक शुक्रवार को बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई। जिस बात की उम्मीद की जा रही थी कि बैठक में हंगामेदार होगी, ऐसा कुछ नहीं हुआ। न तो कोई हंगामा हुआ एवं न ही आरोप प्रत्यारोप। प्रदेश प्रभारी पीसी चाको को छोड़कर सभी ने संक्षेप में अपनी-अपनी बात रखी और एकजुट होकर काम करने की बात कही। राहुल ने भी इत्मीनान से सबकी सुनी तो फिर यह कहते हुए बैठक खत्म कर दी, साथ ही कहा ठीक है, एक-डेढ़ माह बाद मिलते हैं।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में हुई हार की समीक्षा के लिए सुबह दस बजे राहुल के तुगलक रोड स्थित निवास पर हुई इस बैठक में दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों के प्रत्याशी- शीला दीक्षित, अजय माकन, जेपी अग्रवाल, अरविंदर सिंह लवली, महाबल मिश्रा, राजेश लिलोठिया, कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ एवं प्रदेश प्रभारी पीसी चाको मौजूद रहे। सूत्रों के मुताबिक माकन ने कहा कि पार्टी को जमीन स्तर पर काम करने और सड़क पर उतरने की जरूरत है। सभी को मिलकर काम करना चाहिए। लिलोठिया और अग्रवाल ने ईवीएम में गड़बड़ी का मुददा उठाया एवं मीडिया में विरोधाभासी बयान देने से भी बचने को कहा।
महाबल का कहना था कि राजधानी का प्रोफाइल तेजी से बदल रहा है, पार्टी की कार्यशैली भी उसी के अनुरूप होनी चाहिए। लवली और हारुन ने भी एकजुट होकर विधानसभा चुनाव की तैयारी करने की बात कही। राहुल ने अपनी ओर से कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने केवल दूसरों की बात सुनी और एक माह बाद दोबारा समीक्षा करने की बात कहते हुए बैठक खत्म कर दी। दूसरी तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ गिले शिकवे दूर करने के लिए शीला दीक्षित ने सोमवार को प्रदेश कार्यालय में सुबह 11 बजे एक बैठक बुलाई है। बैठक में सभी पूर्व सांसदों एवं कार्यकारी अध्यक्षों को बुलाया गया है। इसमें सभी से संगठन को बेहतर बनाने के लिए सुझाव लिए जाएंगे।