बालासोर रेल हादसे को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमला कर रहा है और दूसरी तरफ हादसे की जांच का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। विशाल तिवारी नाम के एक वकील ने मामले को लेकर याचिका दाखिल की है।
कवच’ सिस्टम को लागू करने की मांग
इस याचिका में दुर्घटना से बचाने वाले ‘कवच’ सिस्टम को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की गई है। इसके साथ ही पूर्व जज की अध्यक्षता में जांच आयोग बनाने की मांग की गई है और रेलवे सुरक्षा को लेकर भी पूर्व जज की अध्यक्षता में विशेषज्ञ कमिटी बनाने की मांग की गई है।
1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए
ट्रेन हादसे को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्रेन हादसे में ताजा अपडेट देते हुए बताया है कि हादसे में 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और उनका इलाज चल रहा है। 100 से अधिक मरीजों को क्रिटिकल केयर की जरूरत है और उनके इलाज के लिए दिल्ली एम्स, लेडी हार्डिंग अस्पताल और आरएमएल अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर आधुनिक उपकरणों और दवाओं के साथ यहां पहुंचे हैं। हमने विस्तृत चर्चा की और एक कार्य योजना भी तैयार की गई है। वहीं अब तक इस हादसे में 288 लोगों की मौत हो चुकी है।
इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुआ हादसा
वहीं केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे के कारणों का जिक्र करते हुए कहा कि इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण यह दुर्घटना हुई है। उन्होंने कहा, इस हादसे के पीछे जिम्मेदार लोगों की पहचान भी कर ली गई है जल्द जांच रिपोर्ट सामने आ जाएगी। इस दौरान उन्होंने ये भी साफ किया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जो कवच को लेकर कहा वो सही नहीं है। अश्विनी वैष्णव बोले हादसे का कवच से किसी प्रकार का कोई संबध नहीं है। वहीं अब कहा जा रहा है कि बुधवार तक ट्रेनों का संचालन शुरु कर दिया जाएगा।
कवच’ सिस्टम को लागू करने की मांग
इस याचिका में दुर्घटना से बचाने वाले ‘कवच’ सिस्टम को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की गई है। इसके साथ ही पूर्व जज की अध्यक्षता में जांच आयोग बनाने की मांग की गई है और रेलवे सुरक्षा को लेकर भी पूर्व जज की अध्यक्षता में विशेषज्ञ कमिटी बनाने की मांग की गई है।
1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए
ट्रेन हादसे को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्रेन हादसे में ताजा अपडेट देते हुए बताया है कि हादसे में 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और उनका इलाज चल रहा है। 100 से अधिक मरीजों को क्रिटिकल केयर की जरूरत है और उनके इलाज के लिए दिल्ली एम्स, लेडी हार्डिंग अस्पताल और आरएमएल अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर आधुनिक उपकरणों और दवाओं के साथ यहां पहुंचे हैं। हमने विस्तृत चर्चा की और एक कार्य योजना भी तैयार की गई है। वहीं अब तक इस हादसे में 288 लोगों की मौत हो चुकी है।
इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुआ हादसा
वहीं केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे के कारणों का जिक्र करते हुए कहा कि इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण यह दुर्घटना हुई है। उन्होंने कहा, इस हादसे के पीछे जिम्मेदार लोगों की पहचान भी कर ली गई है जल्द जांच रिपोर्ट सामने आ जाएगी। इस दौरान उन्होंने ये भी साफ किया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जो कवच को लेकर कहा वो सही नहीं है। अश्विनी वैष्णव बोले हादसे का कवच से किसी प्रकार का कोई संबध नहीं है। वहीं अब कहा जा रहा है कि बुधवार तक ट्रेनों का संचालन शुरु कर दिया जाएगा।