गुवाहाटी : केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि केन्द, सरकार सभी पक्षों के साथ पूरी तरह से परामर्श करने के बाद ही नागरिकता संशोधन विधेयक के संबंध में कोई कदम उठायेगी। नयी दिल्ली में बुधवार को बैठक में श्री सिंह ने असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को यह जानकारी दी।
देश के उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) सुधार संबंधित विभिन्न प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए बैठक आयोजित की गई थी। श्री सोनोवाल ने चर्चा के दौरान गृह मंत्री से असम समझौते की धारा छह के कार्यान्वयन के लिए सिफारिशें करने के लिए एक समिति का गठन करने का अनुरोध किया जो सांस्कृतिक, सामाजिक, भाषाई पहचान और असमिया की विरासत की रक्षा के लिए संवैधानिक, विधायी और प्रशासनिक सुरक्षा प्रदान करे।
श्री सिंह ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि समिति का राज्य सरकार के परामर्श पर बहुत जल्द गठन किया जायेगा। बैठक में एनआरसी के मसौदे के प्रकाशन के बाद दावों और आपत्तियों का निपटान करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं पर भी चर्चा की गई। बैठक के बाद श्री सोनोवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि शीर्ष न्यायालय के मार्गदर्शन में राज्य में एनआरसी सुधार प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है और यह पूरा होने के कगार पर है।
केन्द, और राज्य सरकार एनआरसी सुधार प्रक्रिया की निर्बाध प्रगति के लिए पूरा समर्थन दे रही हैं तथा 30 जून तक दूसरा मसौदा प्रकाशित किया जायेगा। श्री सोनोवाल ने लोगों से आग्रह किया कि यदि उनका नाम ड्राफ्ट में शामिल नहीं हैं, तो उन्हें अदालतों में अपने दावों और आपत्तियों को पंजीकृत करने के पर्याप्त अवसर दिए जाएंगे और उनमें से प्रत्येक को समान अवसर मिलेगा। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह सचिव राजीव गौबा, असम के मुख्स सचिव टी वाई दास, डीजीपी कुलाधार सैकिया और केन्द, और असम सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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