नई दिल्ली: वर्ष 2008 में शुरू हुआ रानी झांसी फ्लाईओवर का कार्य संभवतः मार्च 2018 तक पूरा हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर उत्तरी दिल्ली के लोगों को भारी राहत मिलेगी। पिछले दस सालों से इस रूट पर चलने वाले वाहन भारी जाम के कारण रेंगने के लिए मजबूर हैं। शनिवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल प्रोजेक्ट का दौरा करने पहुंचे। दौरे के दौरान उन्होंने निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए उत्तरी दिल्ली नगर निगम अधिकारियों को निर्देश दिए कि 31 मार्च 2018 तक निर्माण कार्य को पूरा होना चाहिए।
इससे पहले 31 दिसंबर 2016 इस प्रोजेक्ट की समय सीमा थी, लेकिन कुछ मकानों के कारण निर्माण कार्य में देरी हुई। इस पर एलजी ने कहा कि प्रोजेक्ट के बीच में आ रहीं सभी बाधाओं को दूर कर लिया गया है। ऐसे में मामला अब और नहीं लटकना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि निगम समय पर प्रोजेक्ट को पूरा करेगा।
78.53 करोड़ थी लागत…वर्ष 2008 में इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 78.53 करोड़ रुपये रखी गई। बाद में प्रोजेक्ट को ग्रेड सेपरेटर के रूप में बदला गया, जिससे लागत बढ़कर 93.83 करोड़ रुपये पहुंच गई। तीन साल में पूरा होने वाला यह प्रोजेक्ट कई वर्षों से लटका हुआ है। फ्लाईओवर से जुड़े अधिकारियों का दावा है कि निर्माण लागत में कोई इजाफा नहीं हुआ। हालांकि अन्य मदों में धनराशि खर्च की गई है। जमीन अधिग्रहण के लिए करीब 473.76 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसके अलावा रेलवे को वहां पुल बनाने के लिए 67.14 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसके अलावा और भी मद हैं, जिन पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहा है। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस प्रोजेक्ट की लागत तय लागत से कितनी अधिक बढ़ गई है।
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