नई दिल्ली : अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास पिछले साल 19 अक्टूबर को हुई घटना का दर्द आज भी देशवासियों के जहन में है। हादसे का ख्याल मन में आते ही रूह तक कांप जाती है। हादसे में ट्रेन दशहरा देखने आए लोगों को रोंदते हुए निकल गई थी। इसी हादसे से सीख लेते हुए रेलवे इस साल पहले से ही सतर्क होने का मन बनाया है। रेलवे ने एक फैसला लिया है, जिसके तहत इस बार रेलवे लाइन के पास रावण दहन पर पूर्ण रूप से पाबंदी होगी।
इस संबंध में उत्तर रेलवे जोन को निर्देश जारी कर दिए गए हैं और पिछले कई सालों से रेलवे लाइन के पास आयोजित होने वाले रामलीला मंचन और दशहरा कार्यक्रम की पहचान करने के लिए कहा गया है। दिल्ली रेल मंडल सहित उत्तर रेलवे के सभी मंडलों में इस पर काम शुरू हो गया है। रेलवे के निर्देशानुसार प्रत्येक विभाग अपनी-अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहा है। वहीं रेलवे की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा ऐसी जगहों की खास निगरानी करेगी और बेरिकेडिंग की जाएगी।
बता दें कि 19 अक्टूबर 2018 में अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास दशहरा मेले में रावण दहन देख रही भीड़ पर ट्रेन चढ़ गई। ट्रेन की रफ्तार इतनी अधिक थी कि लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला। जब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक ट्रेन उन्हें रोंदते हुए चली गई। हादसे में 61 लोगों की जान गई, जबकि 100 लोग घायल हुए।
राजधानी में कई जगहों की पहचान
प्राप्त जानकारी के मुताबिक देश की राजधानी दिल्ली में रिंग रेलवे और सब्जी मंडी स्टेशन से आदर्श नगर रूट पर ऐसी जगहों की पहचान हो चुकी है। यहां रेलवे लाइन से 500 से 700 मीटर की दूरी पर रावण दहन होता है। ऐसे में इन जगहों पर खास निगरानी रखने के लिए कहा गया है।
रेलवे सुरक्षा बल(आरपीएफ) के अलावा रेल पथ, इंजीनियरिंग विभाग और स्टेशन अधिकरियों को अपने अधिकार क्षेत्र में ऐसी जगहों के बारे में रिपोर्ट तैयार करके मुख्यालय भेजने के लिए कहा गया है। वहीं यह भी निर्देश दिया गया है कि अगर इस बार किसी नई जगह रावण दहन की तैयारी की जा रही हैं तो उस पर बारे में भी तुंरत आरपीएफ व जीआरपी को बताया जाए।