नई दिल्ली : अनधिकृत कॉलोनियों के मुद्दे पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर लगातार हमलावर रुख अख्तियार किए हुए है। इस मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि लोगों को कानून नहीं रजिस्ट्री चाहिए, प्रक्रिया प्रारंभ होने पर किसी को भरोसा नहीं है। इसीलिए लोगों के हाथ में जब तक रजिस्ट्री नहीं आ जाए, उन्हें किसी पर भरोसा नहीं है।
सीएम ने कहा कि मुझे पता चला है कि रामलीला मैदान में नेताओं की रैली होगी। जहां सौ लोगों को रजिस्ट्री देकर फोटो खिंचवाया जाएगा। मेरा कहना है सिर्फ सौ लोगों को रजिस्ट्री क्यों पूरी दिल्ली को रजिस्ट्री क्यों नहीं? बाकि लोगों को कहा जा रहा है कि चुनाव बाद रजिस्ट्री देंगे। यह तो पहले भी होता रहा है।
चुनाव से पहले लोगों को रजिस्ट्री का वादा किया जाता था, फिर चुनाव बाद अगले चुनाव में आने को कह दिया जाता था। अब जनता को उसके हाथ में रजिस्ट्री चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की सारी प्रक्रिया पूरी है, हमें केन्द्र सरकार से आदेश मिले तो हम 15 दिन में सबके हाथ में रजिस्ट्री दे देंगे।
पहले क्यों शुरू नहीं हुई प्रक्रिया
अनधिकृत कॉलोनियों को पक्का करने के बिल पर एक सवाल के जवाब में सीएम केजरीवाल ने कहा कि हमने नवंबर 2015 में ही अनधिकृत कॉलोनियों को पक्का करने की प्रक्रिया पूरी कर केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया था। केन्द्र सरकार चार साल उसे दबाए बैठी रही। चुनाव नजदीक आता देख प्रक्रिया प्रारंभ की गई। यह काम तो छह माह पहले भी प्रारंभ हो सकता था। इससे साफ है कि अनधिकृत कॉलोनियों के मसले पर उसकी नियत साफ नहीं थी।
पूरी दिल्ली को मिले रजिस्ट्री
सीएम ने कहा है विधानसभा चुनाव से पहले सिर्फ सौ लोगों को रजिस्ट्री देना पूरी तरह से धोखा और दिखावा है। मेरी केन्द्र सरकार से अपील है कि दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले हर व्यक्ति के हाथ में रजिस्ट्री दी जाए। सीएम ने कहा कि सौ लोगों को रजिस्ट्री देकर अन्य लोगों को चुनाव बाद रजिस्ट्री देने की बात हो रही है। यह काम तो कई दशकों से हो रहा है। चुनाव में रजिस्ट्री देने का वादा होता है।
आप के दबाव में लाए लोस में बिल
सीएम केजरीवाल ने कहा कि शीतकालीन सत्र में कच्ची कॉलोनियों का बिल लाने की तैयारी नहीं थी। लोकसभा में पेश होने वाले बिल की सूची में भी कच्ची कॉलोनियों का बिल नहीं था। जब आप सांसदों ने गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया तो फिर उसी दिन शीतकालीन सत्र में बिल लाने का निर्णय हुआ। इससे पहले भी हमने इस मुद्दे पर केन्द्र को पत्र लिखे, दवाब बनाया तब कहीं जाकर केन्द्र सरकार इस बिल को संसद में लाई।
पांच साल किसी को कच्ची कॉलोनियों की याद नहीं आई
केजरीवाल ने कहा कि पांच साल पहले कच्ची कॉलोनियां बेहाल थीं। मैं 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान कच्ची कॉलोनियों में जाता था तो वहां रह रहे लोगों की परेशानी से रू-ब-रू होता था। मैंने तभी लोगों से वादा किया था कि सरकार बनने के बाद कच्ची कॉलोनियों को नारकीय जीवन से बाहर निकाला जाएगा। हमने पिछले पांच साल में कच्ची कॉलोनियों की कायापलट की। इन्हें पक्का करने और इनमें विकास के लिए काम तेज हुए। मैं पांच साल नाली, सड़क बनवा रहा था तब कहां थी केंद्र सरकार। जो अब उसे दो माह से कच्ची कॉलोनियां याद आ रही है।