लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

आरबीआई ने रद्द किया दिल्ली की डेढ़ सौ कंपनियों का रजिस्ट्रेशन

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने दिल्ली की गैर-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) की लगभग डेढ़ सौ कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया।

नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने दिल्ली की गैर-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) की लगभग डेढ़ सौ कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। इन कंपनियों पर कोई न कोई गाइडलाइन उल्लंघन करने का आरोप है। इनमें से कई कंपनियां ऐसी हैं, जो कि दिल्ली में ऑटो रिक्शा फाइनेंस से जुड़ी हुई थीं। इन कंपनियों के गोरखधंधे के चलते ही ऑटो रिक्शा की कीमत दिल्ली में बढ़ जाती है और ऑटो चालक कभी इन कंपनियों के चंगुल से बाहर नहीं निकल पाते हैं।

आरबीआई के सूत्रों के मुताबिक दिल्ली की लगभग डेढ़ सौ कंपनियों के रजिस्ट्रेशन पिछले दो महीनों में रद्द किए गए हैं। इनमें किसी कंपनी का रजिस्ट्रेशन 18 साल पुराना था, किसी का दस साल पुराना। इनमें ऑटो फाइनेंस से जुड़ी कंपनियां भी शामिल हैं। ऑटो फाइनेंस से जुड़ी कुछ कंपनियों पर आरोप है कि वह हमेशा ही आरबीआई की गाइडलाइन को अंगूठा दिखाने में लगी रहती हैं।

आरबीआई गाइडलाइन के मुताबिक अगर एनबीएफसी के पास कोई ऑटो डीलर फाइनेंस के लिए संपर्क करता है तो एक रेजलूशन पास होता है। एनबीएफसी कंपनियां मीटिंग के बाद मिनट्स की कॉपी निकालती और फिर ऑटो डीलर के साथ होता है एग्रीमेंट। इसके बाद होती है फाइनेंस की शुरुआत। ऑटो रिक्शा के धंधे से जुड़ी कंपनियां बिना किसी एग्रीमेंट के सिर्फ उन्हीं डीलरों के चैक इश्यू करती है, जो उन्हें अधिक से अधिक ऊंचे भाव से ब्याज दे सकें। इस खेल में ईमानदारी से टैक्स भरने वाले डीलर प्रभावित हो जाते हैं।

ऑटो रिक्शा फाइनेंस के जानकार मानते हैं कि अगर एनबीएफसी कंपनियों पर सही शिकंजा कसा जाए और यह कंपनियां नियमानुसार चलते तो दिल्ली में डीलरों की संख्या 150 से 200 रह जाएगी। फिलहाल लगभग पांच सौ से छह सौ डीलर राजधानी में फैले हुए हैं। इतना ही नहीं इससे ऑटो रिक्शा की कीमत भी एक लाख से डेढ़ लाख रुपये तक कम हो जाएगी। कई ऑटो फाइनेंस कंपनियां तो ऐसी हैं, जो दूसरी एनबीएफसी कंपनियों की एनओसी(अनापत्ति प्रमाण पत्र) तक गिरवी रख लेती हैं। यह सरासर कानूनन गलत है। कुछ कंपनियां अपनी ब्लैक मनी को ऑटो फाइनेंस के गोरखधंधे में झोंक देती है।

इससे ऑटो महंगा हो जाता है और ऑटो चालक पूरी जिंदगी फाइनेंस के चंगुल से नहीं निकल पाता है। फाइनेंस कंपनियां टैक्स की चोरी और ब्लैक मनी को व्हाइट करके चांदी काटती है। पंजाब केसरी ने झंडेवालान स्थित ऑटो रिक्शा कारोबार से जुड़ी रही एनबीएफसी कंपनी के निदेशक से उनका रजिस्ट्रेशन रद्द होने का सवाल पूछा तो वह बगले झांकते नजर आए, पहले हां बोला फिर ना और फिर बोले सचिव को पता होगा। आखिर में बोले, मेरी ऐसी कोई कंपनी ही नहीं है।

– सतेन्द्र त्रिपाठी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

19 − 18 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।