दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर कथित तौर पर दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद में अनियमितता का आरोप लगा था। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केजरीवाल सरकार पर तीखा हमला करते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल से जांच की मांग की थी। इस सिलसिले में एलजी के द्वारा बनाई गई समिति ने अपनी जांच एलजी को सौंप दी है। कमेटी ने अरविंद केजरीवाल सरकार को शनिवार को क्लीन चिट दे दी।
सूत्रों के अनुसार, ”उपराज्यपाल द्वारा गठित कमेटी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को 1000 डीटीसी बसों की खरीद के लिए क्लीन चिट दे दी है। जांच कमेटी को टेंडर प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं मिली।” रोहिणी से भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल सरकार द्वारा 1000 डीटीसी बसों की खरीद और मेंटिनेंस कॉन्ट्रैक्ट में अनियमितताएं की गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, ”उपराज्यपाल द्वारा गठित कमेटी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को 1000 डीटीसी बसों की खरीद के लिए क्लीन चिट दे दी है। जांच कमेटी को टेंडर प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं मिली।” रोहिणी से भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल सरकार द्वारा 1000 डीटीसी बसों की खरीद और मेंटिनेंस कॉन्ट्रैक्ट में अनियमितताएं की गई हैं।
इसके बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 16 जून को तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दो सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने को कहा था। विजेंद्र गुप्ता ने आज एक के बाद एक तीन ट्वीट कर लिखा, “डीटीसी बस खरीद घोटाले पर बेशर्म नृत्य करने में ‘आप’ की संलिप्तता से ज्यादा घृणित क्या हो सकता है। अगर कोई वित्तीय अनियमितता नहीं हुई है तो एलजी की गठित कमेटी ने एक नया टेंडर जारी करने के लिए क्यों कहा है? यह तब है जब सरकार द्वारा वर्क ऑर्डर जारी किया गया था।”
हमारा पहले दिन से अनुरोध है कि आपराधिक जांच सुनिश्चित करने के लिए डीटीसी बस घोटाले को भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को सौंप दिया जाना चाहिए। एलजी द्वारा गठित कमेटी जिसमें परिवहन सचिव भी सदस्य के रूप में थे, पूरी तरह से जांच करने के लिए सक्षम नहीं है। भाजपा नेता ने कथित बस घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा, “आप सरकार द्वारा करदाताओं के 3500 करोड़ रुपये की आपराधिक बर्बादी को उचित जांच की कमी के कारण दबाया जा सकता है।”