मुंबई : महाराष्ट्र में विपक्षी दल कांग्रेस ने मंगलवार को मांग उठाई कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की मराठा आरक्षण मुद्दे पर जो रिपोर्ट है उसे तुरंत राज्य विधानसभा में पटल पर रखा जाए। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि आयोग की रिपोर्ट के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है।
रविवार को महाराष्ट्र सरकार ने घोषणा की कि नई श्रेणी ‘‘सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग’’ के तहत मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाएगा। उसने यह भी कहा कि राज्य के पिछड़ा वर्ग आयोग ने यह अनुशंसा की है। आरक्षण कितने प्रतिशत होगा, इस बारे में सरकार ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। हालांकि मराठा समुदाय 16 फीसदी कोटा की मांग कर रहा है।
मराठा आरक्षण: आयोग ने महाराष्ट्र सरकार को सौंपी रिपोर्ट
महाराष्ट्र राज्य के पिछड़ा वर्ग आयोग ने मराठा समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर अपनी रिपोर्ट गुरुवार को राज्य के मुख्य सचिव डी के जैन को सौंप थी। एक सरकारी सूत्र के अनुसार रिपोर्ट में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को दिए गए आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना, मराठा समुदाय की शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग के पक्ष में सुझाव दिए गए हैं।
जैन ने रिपोर्ट मिलने के बाद मंत्रालय में पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें रिपोर्ट मिल गई है, जो कि मराठा समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर आधारित है।
अध्ययन (रिपोर्ट के) के बाद उचित निर्णय लिया जाएगा।’’ सरकारी सूत्र ने बताया कि आयोग ने उसे मिले दो लाख ज्ञापनों, लगभग 45,000 परिवारों के सर्वेक्षण के साथ ही मराठा समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन के प्रायोगिक आंकड़ों का अध्ययन किया। इस पैनल का नेतृत्व न्यायमूर्ति एन जी गायकवाड़ (सेवानिवृत्त) ने किया।