नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश भाजपा में सोमवार को कुछ पदाधिकारियों को नई जिम्मेदारी मिली तो कुछ को जिम्मेदारी के दायित्व से मुक्त किया गया। प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी की सहमति से लिए गए इस निर्णय के अनुसार जलबोर्ड के पूर्व सदस्य एवं उत्तरी निगम की स्थायी समिति के चेयरमैन जय प्रकाश के स्थान पर प्रदेश मंत्री सत्येन्द्र सिंह को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है।
तो विजय पंडित को महरौली जिले का अध्यक्ष बनाया गया एवं कार्यकारी अध्यक्ष विकास तंवर जिला महामंत्री के रूप में कार्य करते रहेंगे। विजय पंडित पूर्व पार्षद, पूर्व जिला अध्यक्ष और दक्षिणी दिल्ली के सांसद के करीबी बताए जाते हैं तो वहीं विकास तंवर इससे पहले महरौली कार्यवाहक जिला अध्यक्ष थे। तंवर को 19 सितंबर को पूर्व जिला कार्याध्यक्ष की जगह नियुक्त किया गया था। इसके अलावा पवन राठी को महरौली जिले का महामंत्री नियुक्त किया गया है। इन नियुिक्तयों को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
ऐसा इसीलिए भी हो रहा है क्योंकि विधानसभा चुनावों के नजदीक प्रदेश नेतृत्व द्वारा यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इस प्रकरण में गौर करने की बात ये भी है कि स्वयं प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को ऐसे समय में ट्वीट करके यह बात बतानी पड़ी जब भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन प्रदेश कार्यालय में पदाधिकारियों की बैठक ले रहे थे। बैठक में मौजूद विकास तंवर को इसकी जानकारी ही नहीं थी, उन्हें बैठक के बाद इसकी जानकारी मिली कि उनसे कार्यवाहक जिला अध्यक्ष का दायित्व ले लिया गया है।
बैठक समाप्त होने के बाद जब उनके फोन की रिंग बजनी शुरू हुई तो लोगों ने इस बारे में उन्हें जानकारी दी। प्रदेश उपाध्यक्ष रहे जय प्रकाश गत अक्टूबर में जलबोर्ड के सदस्य पद से मुक्त हो गये थे। वर्तमान में वे उत्तरी निगम में स्थायी समिति के चेयरमैन हैं और पार्टी के हर प्रदर्शन और गतिविधि में शामिल रहते हैं। ऐसे में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले उनसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी वापस लिये जाने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
हालांकि स्वयं जय प्रकाश का इस मुद्दे पर कहना है कि संगठन का निर्णय सर्वोपरि है जो भी जिम्मेदारी मिलती है,उसे निभाना मेरा फर्ज है। यदि यह चुनाव लड़ने के लिए संगठन में पद होने का मामला है तो प्रदेश में बहुत से ऐसे पदाधिकारी हैं जो कई पद लिये बैठे हैं। वहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि जय प्रकाश विजय गोयल के करीबी हैं शायद इसीलिए उन पर गाज गिरी है।