राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) बिल के खिलाफ आज रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने एक दिवसीय हड़ताल कर दी है। दिल्ली एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हैं। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन आज पूरे देश में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग बिल के प्रावधानों के खिलाफ एक दिवसीय हड़ताल कर रहा है।
डॉक्टर के हड़ताल पर जाने के कारण मरीज़ों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है की, हमारी हड़ताल एनएमसी बिल के कुछ प्रावधानों के खिलाफ है। रेजिडेंट डॉक्टरों को सेवाओं से हटा दिया गया है। संकाय और सलाहकार सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। अगर सरकार हमारी बात नहीं मानते है तो इसे मेडिकल बिरादरी के इतिहास में सबसे काले दिनों में से एक के रूप में गिना जाएगा।
यूनाईटेड डॉक्टर्स रेजिडेंट असोसिएशन (यूआरडीए) के प्रेजिडेंट डॉ. मनु गौतम ने कहा कि यूआरडीए, फोर्डा और एम्स की आरडीए की लंबी मीटिंग हुई जिसमें यह फैसला लिया गया। अगर गुरुवार को इस बिल में डॉक्टरों की मांग के अनुसार संशोधन करके राज्यसभा में पेश नहीं किया जाता तो देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल रहेगी।
बुधवार को हैदराबाद के उस्मानिया मेडिकल कॉलेज और पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के पास नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (NBMCH) के मेडिकल छात्रों ने नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) बिल का सड़कों पर हाथ में पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन किया। हड़ताल में शामिल डॉक्टरों का कहना है कि यह बिल मेडिकल क्षेत्र के लिए उचित नहीं है और इससे कई तरह की चुनौतियां सामने आएंगी।