नई दिल्ली : नवंबर तक गंगा आचमन करने योग्य हो जाएगी। इसमें सीवर आदि का पानी बिल्कुल नहीं गिरेगा। हमारी कोशिश है कि गंगासागर तक पूरी गंगा साफ होनी चाहिए। उक्त बातें केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सोमवार को ओखला में जलबोर्ड द्वारा बनाये जा रहे देश के सबसे बड़े सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के शिलान्यास अवसर पर कहीं। शेखावत ने कहा कि 1985 से गंगा की सफाई का काम हो रहा है लेकिन 2014 से पहले तक इसकी दशा में कोई परिवर्तन नहीं आया।
क्योंकि इसकी हॉलिस्टिक एप्रोच सही नहीं थी। उन्होंने कहा कि केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार बनने के बाद से गंगा, हिंडन, यमुना एवं इसकी सहायक नदियों की सफाई के लिए 28 हजार करोड़ रुपए दिए गए। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली में यमुना का 22 किलोमीटर लंबा हिस्सा है, जिसकी सफाई के लिए औपचारिक तौर पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जिम्मेदारी ज्यादा बनती हैं, हालांकि केन्द्र सरकार की ओर से उन्हें हर संभव मद्द दी जाएगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में देश का सबसे बड़ा एसटीपी बनने जा रहा है। इसके लिए जलबोर्ड सहित दिल्ली के लोगों और सभी स्टेक होल्डर्स को बहुत-बहुत बधाई। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि केन्द्र एवं दिल्ली सरकार मिलकर यमुना को जल्द साफ करने में कामयाब होंगे। केन्द्र सरकार इसके लिए 85 फीसदी फंडिंग दे रही है। उन्होंने कहा कि 10 दिनों में ये उनकी केन्द्रीय मंत्री से दूसरी मुलाकात है। प्राशासनिक तौर पर दिल्ली की स्थिति काफी पेचीदगी पूर्ण है लेकिन सभी एजेंसी मिलकर काम करें तो बदलाव जरूर आयेगा।
सीएम ने कहा कि हम पानी की रिसाइकलिंग और रिचार्जिंग की दिशा में हम काम कर रहे हैं। अभी हम यमुना में पानी को रोकने के पायलट प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने जा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए भी हमें केन्द्र सरकार की तरह से बहुत सहयोग मिल रहा है। इसके अलावा हम कोरोनेशन प्लांट के एसटीपी का शोधित पानी पल्ला में छोड़ेंगे। इसके बाद पल्ला से 20 किमी दूर वजीराबाद में उस पानी को वापस निकालेंगे। इसके बाद इसे ट्रीट करके लोगों तक पहुंचाया जाएगा।
1160 करोड़ की लागत से 2022 तक बनकर होगा तैयार
1160 करोड़ की लागत से बनने वाले इस एसटीपी की क्षमता 564 एमएलडी होगी यानी यह प्लांट एक दिन में 56 करोड़ 40 लाख लीटर पानी का शोधन करेगा। यह प्लांट 2022 तक बनकर तैयार होगा, जिसमें केन्द्र जीका के माध्यम से 85 प्रतिशत और दिल्ली सरकार 15 प्रतिशत की राशि देगी। इस प्लांट की खासियत होगी यह पांच मेगावॉट बिजली भी बनाएगा।
हरियाणा को एसटीपी का पानी हमें पल्ला में पानी दे : सीएम
सीएम ने कहा कि यह एसटीपी रोजाना 56.4 करोड़ लीटर गंदे पानी को ट्रीट करेगा। लेकिन इस पानी के इस्तेमाल का अभी तक कोई प्लान नहीं बन सका है। हरियाणा के बॉर्डर वाले इलाकों में सिंचाई के लिए पानी की बहुत दिक्कत है। अगर हम इस पानी को हरियाणा को दे दें तो वहां ये सिंचाई के लिए इस्तेमाल होगा। बदले में इतना ही पानी हरियाणा हमें पल्ला में दे दे।
थोड़ा धन्यवाद हमें भी मिल जाता
शिलान्यास अवसर पर एक समय ऐसा भी आया जब मंच हंसी-ठहाकों से गूंज गया। दरअसल, अपने संबोधन के दौरान केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि इस प्लांट के शिलान्यास को लेकर कुछ पोस्टर लगे देखे थे जिनमें दिल्ली के सीएम धन्यवाद दे रहे हैं जबकि हमने भी इसके लिए 85 प्रतिशत धनराशि उपलब्ध करायी है। थोड़ा सा धन्यवाद हमें भी मिलना चाहिए था।