दिल्ली की एक अदालत ने रेलीगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) में कोष के कथित गबन से संबंधित धनशोधन मामले में फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तक मलविंदर सिंह और सह-आरोपी को बृहस्पतिवार को दो सप्ताह की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
अदालत ने मलविंदर के अलावा रेलीगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) के पूर्व सीएमडी सुनील गोधवानी को भी 12 दिसम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
आरोपियों की हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव की अदालत में पेश किया गया जिसके बाद अदालत ने यह आदेश दिया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के विशेष लोक अभियोजक नीतेश राणा के आवेदन पर आरोपियों को तिहाड़ जेल भेज दिया गया। राणा ने आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने का अनुरोध किया था। अदालत ने कहा, ‘‘आरोपियों को 12 दिसम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है।’’
ईडी ने कई दस्तावेजों और गवाहों से सामना कराने के लिए सिंह और गोधवानी को और पूछताछ के किए हिरासत में भेजे जाने का अनुरोध किया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सिंह और गोधवानी को हिरासत में लेकर पूछताछ किये जाने की बुधवार को अनुमति दे दी थी।
ईडी ने दोनों आरोपियों को 14 नवम्बर को यहां तिहाड़ जेल से अपनी हिरासत में लिया था जहां वे कथित घोटाले के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर एक मामले में बंद थे।
ईडी की ओर से पेश वकील ए आर आदित्य ने बताया कि मलविंदर और गोधवानी धन शोधन मामले में आरोपी हैं जो धन शोधन रोकथाम अधिनियम की धाराओं 3 एवं 4 के तहत दंडनीय अपराध है।
इससे पहले दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की ओर से दायर एक मामले में ये दोनों, मलविंदर के भाई शिविंदर और दो अन्य कवि अरोड़ा तथा अनिल सक्सेना के साथ न्यायिक हिरासत में थे।