राजधानी में जारी सीलिंग को रुकवाने के लिए राजनीति से ऊपर उठकर काम करना होगा। यह कहना है मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का। शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सीलिंग पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीलिंग रुकवाने के लिए मॉनिटरिंग कमेटी से समय मांगा है। कमेटी को जल्द एक और पत्र लिखकर दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल के अलावा भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों के साथ मिलकर चर्चा का समय मांगेंगे।
वहीं नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता की मांग पर उन्होंने कहा कि 351 सड़कों को अधिसूचित करने के लिए अगले सोमवार या मंगलवार को दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट में जाएगी। इस मामले पर बात रखने के लिए बड़े वकीलों को रखा जाएगा। वहीं, चर्चा के बाद दिल्ली विधानसभा ने सीलिंग रुकवाने के लिए पहले दिन प्रस्ताव पास कर दिया। पास प्रस्ताव को दिल्ली विधानसभा केंद्र सरकार के पास भेजेगी। प्रस्ताव में कहा गया है कि दिल्ली के व्यापारियों को बचाने के लिए केंद्र सरकार नया विधेयक लेकर आए। जिससे सीलिंग पर तुरंत लगाई जा सके। बता दे कि प्रस्ताव (संकल्प) में कहा गया है कि दिल्ली की बाजारों में व्यापारियों पर सीलिंग का कहर बरपाया जा रहा है। व्यापारियों की बर्बादी के साथ साथ हजारों श्रमिक भी बेरोजगार हो रहे हैं।
व्यापारियों ने अपने कारोबार को स्थापित करने में पूरी जिंदगी लगा दी है। अब वे सड़क पर आ गए हैं। वर्ष 2012 के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण और दिल्ली नगर निगमों को पर्याप्त समय दिया था कि वे स्थापित व्यवसायों को नियमित करें। मगर दिल्ली विकास प्राधिकरण और नगर निगमों की लापरवाही और अक्षमता के कारण सीलिंग हो रही है। हाल ही में अमर काॅलोनी और लाजपत नगर में दिल्ली पुलिस का व्यवहार देखा गया है। आज सीलिंग से बाजारों में भय का माहौल है। सदन ने बेकसूर व्यापारियों और उनके परिवारजनों पर किए गए बल प्रयोग की निंदा की तथा सीलिंग को तुरंत रोके जाने की मांग की। सदन ने संकल्प किया कि सीलिंग रोकने के लिए केंद्र सरकार चालू सत्र में नया विधेयक लेकर आए। जिससे व्यापारियों को सीलिंग से बचाया जा सके।
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