नई दिल्ली : यदि आपने अहमदाबाद में साबरमती रिवर फ्रंट देखा तो आप हमेशा सोचते होंगे कि कैसे ऐसा ही दिल्ली में हमारी यमुना पर भी होता। दिल्ली की लाइफ लाइन यमुना भी ऐसी ही सुंदर दिखती। साबरमती रिवर फ्रंट को बनाने का श्रेय तत्कालीन मुख्यमंत्री गुजरात नरेन्द्र मोदी को जाता है। अब उन्हीं के पद चिन्हों पर चलते हुए उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी यमुना रिवर फ्रंट बनाने में जुट गए हैं। इसमें उनका साथ दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) दे रहा है। इसकी शुरुआत भी वहां से होगी, जहां पहले लैंडफिल साइट बनने की चर्चा पर बड़ा बवाल हुआ था।
डीडीए लोहे के पुल से सिग्नेचर ब्रिज के बीच के लगभग सौ एकड़ के यमुना किनारों को गुजरात की साबरमती नदी की तर्ज पर विकसित करने को योजना को अंतिम रूप दे चुका है। इसके तहत यमुना नदी की मूल धारा के दोनों किनारों पर तीन सौ मीटर तक हरी घास रोप कर घाटों को सुन्दर बनाया जाएगा। इसके आगे यमुना खादर क्षेत्र में कुछ छोट-छोटे पार्कों को विकसित कर सुंदर बनाया जाएगा। ये पार्क ऐसे बनाए जाएंगे कि इसमें टूरिस्ट आने के लिए उत्सुक हों।
इन पार्कों में पैदल चलने के लिए भी कच्चे ट्रैक बनाए जाएंगे, जिसमें लोग सुबह-शाम की सैर कर सकें। इसमें सबसे बड़ी बात है कि यमुना रिवर फ्रंट को सुंदर बनाने के लिए मौसम का भी इस्तेमाल होगा। बरसात और बाढ़ के बाद यमुना खादर क्षेत्र जगह जगह भर जाता है। यह पानी कभी-कभी परेशानी का सबब बन जाता है, लेकिन अब इसी जमा पानी को झील के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि लोगों को झील में आने वाले पक्षियों को देखने का आनंद भी मिल सके।
इस झील के किनारों को विभिन्न प्रकार की घासों का रोपण कर सुंदर बनाया जाएगा। यमुना के किनारों पर बच्चों को खेलने के लिए कई मैदान विकसित किए जाएंगे। खादर क्षेत्र से लगते हुए पुश्ता रोड की स्टोन पिचिंग अब तक कूड़े के ढेर और गंदगी से भरी हुई थी, लेकिन डीडीए के सूत्रों की माने तो पीडब्ल्यूडी के साथ मिलकर सड़क की स्टोन पिचिंग को न सिर्फ साफ किया जाएगा बल्कि उस पर भी हरियाली विकसित की जाएगी। रिवर फ्रंट बनाने के पहले चरण में डीडीए ने सौ एकड़ जमीन को चिन्हित कर उसके सौंदर्यीकरण के लिए लगभग सोलह करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि मैंने साबरमती रिवर फ्रंट को देखा है, उसे किस तरह तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बनवाया था। उसी से प्रेरित होकर यमुना रिवर फ्रंट पर काम करने की तैयारी है। इसमें बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी। एक सप्ताह के अंदर झील और पार्कों का निर्माण करने का शुभारंभ घोंडा गुजरान खादर कि उस जमीन से शुरू हो जाएगा, जिस पर कुछ विपक्षी पार्टी के लोग लैंडफिल साइट बनाने की अफवाह उड़ाकर अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकी थीं।
– सतेन्द्र त्रिपाठी