पटना : बिहार में मेधा की कमी नहीं है इसे समय समय पर तराशने की जरूरत है। बिहार के मेधावी छात्र-छात्राएं पूरे विश्व स्तर पर परचम लहरा रहे हैं, इसे प्रोत्साहन देने की जरूरत है। ये बातें बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति अवधेश नारायण ङ्क्षसह ने विधान परिषद के एनेक्सी सभागार भवन में राष्ट्रमाता जीजामां पुरस्कार समारोह का उदघाटन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने महिला सशक्तिकरण चला रही है जिससे माताओं ने ऐसे मेधावी पुत्र-पुत्री का जन्म दे रही है।
जो पूरे विश्व में नाम रौशन कर रही है। मुख्य अतिथि क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष चेतन चौहान ने कहा कि जिनके पुत्र पुत्रियों ने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न खेलों में मेडल जीतकर नाम रौशन किया है। वैसे मेधावी छात्र- छात्राओं के माता पिता को सम्मानित करना अपने आप में महत्वपूर्ण है।
आचार्य सुदर्शन जी महाराज ने कहा कि देश के नवनिर्माण में युवाओं की महत्व भूमिका के साथ साथ उनके माता पिता की भी होती है। जो अपने बच्चों को अच्छे से अच्छे संस्कार देकर पालन पोषण करते हैं और उसे काबिल बनाकर देश के नवनिर्माण में समर्पित करते हैं। क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय महामंत्री संजय तिवारी ने कहा कि राष्ट्रमाता जीजामां पुरस्कार का मकसद उन माताओं को सम्मानित करना था जिनके पुत्र एवं पुत्रियों ने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का मान बढ़ाया।
इसी कड़ी में सूबे के लगभग सभी जिलों के वैसे खिलाडिय़ों का चयन किया गया, जिन्होंने विभिन्न स्तर के खेलों में देश को गौरवान्वित किया। क्रीड़ा भारती के दक्षिण बिहार प्रान्त के तत्वावधान में मातृभूमि को सम्मान दिलाने वाले उन खिलाडिय़ों के माताओं को सम्मान देकर इस मातृभूमि का मान बढ़ाया।
इस अवसर पर क्रीड़ा मंच के राज चौधरी राष्ट्रीय मंत्री, राजेश्वर चौधरी, अध्यक्ष दक्षिण बिहार प्रान्त, धीरज जी अध्यक्ष क्रीड़ा भारती, रवि रंजन जिला अध्यक्ष, वरूण कुमार सहित कई गणमान्य ने संबोधित किया। उक्त अवसर पर राज्य के 85 माताओं को राष्ट्रमाता जीजामां पुरस्कार से सम्मानित किया गया।