अलग-अलग मुद्दों पर तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक आज शुरू होने के करीब पांच मिनट के अंदर ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल दोनों नहीं हो पाये। उच्च सदन में कल भी शून्यकाल और प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गए थे।
बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। दस्तावेज पटल पर रखे जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि उन्होंने एक नोटिस दिया है। इसी दौरान माकपा के तपन कुमार सेन ने भी कुछ कहना चाहा।
नायडू ने सदस्यों से शांत रहने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें तृणमूल कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और तेदेपा सदस्यों की ओर से अलग-अलग मुद्दों पर नोटिस मिले हैं जिन्हें उन्होंने स्वीकार नहीं किया है। डेरेक ओ ब्रायन ने इस पर एक कागज दिखाया और अपना मुद्दा उठाना चाहा लेकिन नायडू ने इसकी अनुमति नहीं दी।
सभापति ने सदस्यों से कहा कि वे सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से आगे बढ़ने दें और शून्यकाल चलने दें। इस बीच डेरेक ओ ब्रायन अपना पक्ष रखते रहे और उनकी पार्टी के सदस्य भी अपने स्थानों से आगे आ गए। नायडू ने सदस्यों से शांत रहने की अपील करते हुए कहा कि कुछ भी रिकार्ड में नहीं जाएगा।
सदन में व्यवस्था बनते न देख सभापति ने बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले, जब दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए जा रहे थे तब नायडू ने सदस्यों से कहा कि वह आसन को सीधे ‘सभापति महोदय’ या ‘उप सभापति महोदय’ कहते हुए संबोधित करें, ‘हिज एक्सीलेन्सी’ या अन्य विशेषणों का उपयोग न करें।
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