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शिअद ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की, कहा- केंद्र बेकसूर किसानों के साथ खिलवाड़ बंद करें

शिरोमणि अकाली दल के नेता विक्रम सिंह मजीठिया ने बुधवार को कहा कि केंद्र के प्रस्ताव में कुछ भी नया नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘यह दुखद है कि देश के अन्नदाता अपने परिवार के थ पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।’’

शिरोमणि अकाली दल के नेता विक्रम सिंह मजीठिया ने बुधवार को कहा कि केंद्र के प्रस्ताव में कुछ भी नया नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘यह दुखद है कि देश के अन्नदाता अपने परिवार के थ पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।’’ शिरोमणि अकाली दल ने  भाजपा के नेतृत्व वाली ‘‘केंद्र सरकार को बेकसूर किसानों के साथ खिलवाड़ बंद करने को कहा और बिना शर्त तुरंत तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। 
शिरोमणि अकाली दल ने कहा, ‘‘ केंद्र की तरफ से दिया गया प्रस्ताव और कुछ नहीं बल्कि देरी करने और भटकाने का हथकंडा है, जिसे किसान पहले ही खारिज कर चुके हैं।’’ हरियाणा कांग्रेस प्रमुख कुमारी शैलजा और इंडियन नेशनल लोक दल के नेता अभय सिंह चौटाला ने बुधवार को टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से अलग-अलग मुलाकात की और कहा कि पूरा देश केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ उनके साथ एकजुटता से खड़ा है। 
शैलजा ने सोमवार को सिंघू बॉर्डर के पास किसानों से मुलाकात की थी और आंदोलन को अपना समर्थन दिया था। किसानों से बात करते हुए शैलजा ने कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश के अन्नदाताओं को ठंड के इस मौसम में सड़कों पर उतरना पड़ा लेकिन केंद्र सरकार अपने रूख पर अड़ी हुई है।’’ शैलजा ने कहा, ‘‘सरकार को तुरंत इन कानूनों को वापस लेना चाहिए।’’ 
पूर्व केंद्रीय मंत्री शैलजा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार तानााशाही रवैया अपना रही है। उन्होंने दावा किया कि सरकार ना तो विपक्ष ना ही किसानों की आवाज को सुन रही है और किसानों पर जबरदस्ती इन ‘‘काले कानूनों को थोप’’ दिया गया। 
इंडियन नेशनल लोकदल के महासचिव अभय सिंह चौटाला भी किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए टिकरी बॉर्डर पहुंचे। किसानों को संबोधित करते हुए चौटाला ने कहा, ‘‘आज मैं यहां एक नेता या विधायक के तौर पर नहीं बल्कि एक किसान के तौर पर आया हूं।’’ उन्होंने कहा कि आईएनएलडी ने कृषि विधेयक पेश किए जाने के पहले अध्यादेश लागू करने के दौरान ही आवाज उठायी थी। 
इस बीच, पंजाब के प्रदेश भाजपा प्रमुख अश्विनी शर्मा ने नए कृषि कानूनों में संशोधन के केंद्र के प्रस्ताव को किसानों द्वारा खारिज करने के फैसले को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मंडी व्यवस्था के बारे में सभी मुख्य चिंताओं का समाधान किया जिसे किसानों को सम्मान के साथ स्वीकार कर लेना चाहिए। भाजपा नेता ने कहा कि केंद्र की पेशकश के मद्देनजर किसानों को अपना आंदोलन वापस ले लेना चाहिए।

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