सीएए (Citizenship amendment law) और एनआरसी (National civil register) के खिलाफ शाहीन बाग के प्रदर्शनकारीयों से बातचीत की। हालांकि तीन दौर की वार्ता में कोई नतीजा निकल कर सामने नहीं है। हालांकि तीन दौर की वार्ता में कोई नतीजा निकल कर सामने नहीं है।
तीन दिन की बातचीत बेनतीजा निकलने के बाद अब चौथे दिन यानी आज वार्ताकार साधना रामचंद्रन शाहीन बाग में पहुंची हैं और प्रदर्शनकारी महिलाओं से बातचीत की। रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारीयों से कहा कि हमने कल सड़क के बारे बात की थी। कल हमने आधी रोड की बात की, आपने सुरक्षा की बात की। मैंने ये नहीं कहा कि शाहीन बाग़ से चले जाएं।
प्रदर्शनकारियों ने रामचंद्रन से कहा कि अगर लिखित में सुरक्षा का आश्वासन नहीं मिलता तो बात खत्म। इस राम चंद्रन ने कहा कि क्या आप चाहते हैं, हम खुश होंगे? शाहीन बाग़ में एक खूबसूरत जगह खोजें, एक खूबसूरत बाग़ बने और वहां प्रोटेस्ट हो। क्या आपको ये आइडिया पसंद है? इस पर सारी महिलाओं ने साफ मना कर दिया।
शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से बातचीत करते हुए साधना रामचंद्रन ने कहा कि उन्होंने कभी भी प्रोटेस्ट करने वालों को कभी पार्क जाने के लिए नहीं कहा। उन्होंने कहा कि गलतफहमी तोड़ती है। गौरतलब है कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ इस प्रदर्शन की वजह से दक्षिणी दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली कालिंदी कुंज सड़क दो महीने से अधिक समय से बंद है जिससे स्थानीय लोगों समेत यहाँ से गुत्ररने वाले राहगीरों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।